नई दिल्ली, 24 मई 2025, शनिवार। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार भी वजह है उनका विवादित बयान। भारतीय सेना की वीरांगना कर्नल सोफिया को आतंकियों की बहन कहने वाले शाह ने तीसरी बार सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी एक वीडियो में गंभीर भावों के साथ शाह ने अपनी “भाषाई भूल” के लिए कर्नल सोफिया, भारतीय सेना और देशवासियों से क्षमा याचना की। लेकिन क्या यह माफी विवाद के ताप को ठंडा कर पाएगी, या यह सिर्फ एक और औपचारिकता है?
विवाद की शुरुआत और माफीनामों का सिलसिला
विजय शाह ने पहलगाम हत्याकांड के संदर्भ में कर्नल सोफिया को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनकी तीखी आलोचना हुई। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए डीजीपी को शाह के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री के बयान को “गटर वाली भाषा” करार देते हुए कड़ी फटकार लगाई और जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जो 28 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
इसके बाद शाह ने पहली बार मीडिया के सामने माफी मांगी, लेकिन उनके चेहरे पर कुटिल मुस्कान और हंसी-ठिठोली ने उनके पश्चाताप पर सवाल खड़े किए। 14 मई को दूसरी माफी में उन्होंने कर्नल सोफिया को “सगी बहन से भी ऊपर सम्मानित” बताया, मगर विवाद थमा नहीं। अब तीसरे माफीनामे में शाह ने कहा, “पहलगाम हत्याकांड से मैं मन से दुखी और विचलित हूं। मेरे शब्दों से किसी धर्म, जाति या समुदाय की भावनाएं आहत हुईं, यह मेरी भाषाई भूल थी। मैं भारतीय सेना, कर्नल सोफिया और देशवासियों से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।”
क्या है इस माफी के मायने?
शाह का तीसरा माफीनामा पहले के मुकाबले गंभीर और संयत नजर आता है। ‘एक्स’ पर जारी वीडियो में वे भावुक और गंभीर दिखे, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह माफी दिल से है, या कोर्ट की फटकार और SIT जांच के दबाव का नतीजा? उनकी पहली माफी की हल्की-फुल्की अदा और दूसरी माफी की औपचारिकता ने जनता के बीच उनके इरादों पर संदेह पैदा किया था। इस बार, हालांकि, उनकी गंभीरता और शब्दों का चयन कुछ हद तक विश्वास जगाता है, मगर जनता और सेना के प्रति उनकी जिम्मेदारी पर सवाल अब भी बरकरार हैं।
कर्नल सोफिया: देश की शान
कर्नल सोफिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी सेवाएं दी हैं, उनकी बहादुरी और समर्पण पर किसी तरह का सवाल उठाना निंदनीय है। शाह के बयान ने न केवल उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि भारतीय सेना और देशवासियों की भावनाओं को भी आहत किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने शाह की टिप्पणी को “शर्मनाक” और “अस्वीकार्य” करार दिया है।