नई दिल्ली, 23 मई 2025, शुक्रवार। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर निशाने पर लिया है। नीदरलैंड की यात्रा के दौरान डच अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना आतंकवाद के दलदल में गहरे तक धंसी हुई है। यह कहना कि उन्हें अपने देश में चल रहे आतंकी नेटवर्क की जानकारी नहीं, महज एक भ्रम है।
आतंकियों का खुला घूमना, सेना की मिलीभगत
जयशंकर ने तीखे शब्दों में कहा, “पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी बड़े शहरों में खुलेआम घूमते हैं। उनके पते और संपर्क सबको पता हैं। अगर शहरों के बीचोंबीच हजारों लोगों के सैन्य प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हों, तो क्या सरकार और सेना को इसकी खबर नहीं होगी?” उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों आतंकवाद को पनाह देने में शामिल हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक के खिलाफ भारत का साहसिक जवाब
जयशंकर ने हाल ही में 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ करते हुए इसे भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई और साहसी नीति का प्रतीक बताया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। जयशंकर ने कहा, “यह केवल जवाबी हमला नहीं, बल्कि न्याय की मिसाल है।”
पाकिस्तान को चेतावनी: हमला हुआ, तो परिणाम भुगतने होंगे
पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए जयशंकर ने कहा, “अगर भविष्य में कोई आतंकी हमला हुआ, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत जवाब देगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता। आतंकवाद एक वैश्विक अपराध है, जिसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता।
कश्मीर पर भारत का रुख साफ
जयशंकर ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और PoK के अवैध कब्जे को भारत को वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं।
भारत-नीदरलैंड संबंधों को मजबूती
जयशंकर की यह टिप्पणी नीदरलैंड की उनकी सरकारी यात्रा के दौरान आई, जिसका मकसद भारत और यूरोपीय संघ के दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार नीदरलैंड के बीच संबंधों को और मजबूत करना है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत के रुख को बेबाकी से रखा और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को रेखांकित किया।
जयशंकर की यह बेबाकी न केवल पाकिस्तान को आईना दिखाती है, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति को भी दुनिया के सामने लाती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे कदम और विदेश मंचों पर भारत का स्पष्ट रुख दर्शाता है कि देश अब न तो आतंकवाद बर्दाश्त करेगा और न ही उसकी अनदेखी। पाकिस्तान को अब यह समझना होगा कि भारत का धैर्य जवाब नहीं, बल्कि ताकत है।