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Friday, June 27, 2025

100 सेकंड में पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली भारत की शेरनी: अनुपमा सिंह

नई दिल्ली, 22 मई 2025, गुरुवार। जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मंच पर भारत की एक बेटी ने पाकिस्तान को ऐसी लताड़ लगाई कि पूरी दुनिया देखती रह गई। महज 100 सेकंड में भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की पोल खोल दी और उसे आईना दिखा दिया।

पाकिस्तान की हकीकत बयां की

अनुपमा सिंह ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद को पालता है, फिर इसके शिकार होने का ढोंग नहीं कर सकता।” ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने साफ किया कि भारत ने केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया, न कि निर्दोष नागरिकों को। उन्होंने पाकिस्तान के सिंधु जल संधि पर झूठे दावों को भी बेनकाब किया और कहा कि वह इस मुद्दे को उलझाने की कोशिश कर रहा है। अनुपमा की दमदार आवाज में यह संदेश गूंजा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश दुनिया को गुमराह नहीं कर सकता।

कौन हैं अनुपमा सिंह?

अनुपमा सिंह भारतीय विदेश सेवा की एक चमकता सितारा हैं। नौ साल से अधिक समय से वह भारत का परचम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लहरा रही हैं। इससे पहले, उन्होंने केपीएमजी में सलाहकार और वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर काम किया। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां भी कम नहीं हैं। अनुपमा ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से प्रशासन में डिग्री, दिल्ली विश्वविद्यालय से MBA, और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में B.Tech हासिल किया है। इसके अलावा, उन्होंने CFA प्रोग्राम में कॉर्पोरेट वित्त और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का अध्ययन किया। अनुपमा न केवल एक कुशल राजनयिक हैं, बल्कि अर्थशास्त्र, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, संस्कृति और साहित्य में उनकी गहरी रुचि उन्हें और खास बनाती है।

पाकिस्तान को बार-बार लताड़

यह पहली बार नहीं है जब अनुपमा ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबक सिखाया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) जैसे मंचों पर भी वह पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन को उजागर कर चुकी हैं। उन्होंने बेबाकी से कहा कि भारत उस देश पर ध्यान नहीं दे सकता जो आतंकवाद, आर्थिक संकट और जनता के असंतोष में डूबा हो।

एक प्रेरणा

अनुपमा सिंह न केवल भारत की ताकतवर आवाज हैं, बल्कि वह हर उस महिला के लिए प्रेरणा हैं जो अपने दम पर दुनिया में बदलाव लाना चाहती हैं। उनकी बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास और साहस ने साबित कर दिया कि भारत की बेटियां किसी से कम नहीं। अनुपमा ने 100 सेकंड में जो कर दिखाया, वह हर भारतीय के लिए गर्व का पल है।

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