नई दिल्ली, 22 मई 2025, गुरुवार। भारत की राजधानी दिल्ली में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम करते हुए भारतीय खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के खतरनाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। जनवरी से मार्च 2025 तक चले एक गुप्त ऑपरेशन में ISI के दो जासूसों को गिरफ्तार कर दिल्ली में सक्रिय स्लीपर सेल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया। यह कार्रवाई न केवल भारत की सुरक्षा तंत्र की सजगता को दर्शाती है, बल्कि दुश्मन की साजिश को समय रहते विफल करने की उसकी ताकत को भी उजागर करती है।
ISI का खतरनाक प्लान: सैन्य ठिकानों पर हमले की साजिश
जनवरी 2025 में खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली कि ISI नेपाल के रास्ते एक प्रशिक्षित एजेंट को भारत में घुसपैठ कराने की फिराक में है। इस एजेंट का मिशन था भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं, नक्शे, लोकेशन डेटा और तस्वीरें जुटाना। इन जानकारियों का इस्तेमाल दिल्ली या आसपास के इलाकों में किसी सैन्य ठिकाने या भीड़भाड़ वाली जगह पर बड़े आतंकी हमले के लिए किया जाना था। इस इनपुट के बाद खुफिया एजेंसियों ने तुरंत ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, ह्यूमन इंटेलिजेंस (HUMINT) और डिप्लोमैटिक गतिविधियों की बारीकी से निगरानी शामिल थी।
दो जासूस गिरफ्तार: ISI का नेटवर्क चरमराया
ऑपरेशन के दौरान दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। पहला एजेंट, अंसारुल मियां अंसारी, नेपाली मूल का ISI ऑपरेटिव था, जिसे पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था। वह नेपाल के रास्ते भारत में घुसा और सैन्य सूचनाएं जुटाने में जुट गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके पास से भारतीय सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज, नक्शे और GPS कोऑर्डिनेट्स बरामद हुए। दूसरा एजेंट, अखलाक आजम, झारखंड के रांची का रहने वाला था, जो दिल्ली में अंसारुल का सहयोगी बना। दोनों लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे।
पाकिस्तानी उच्चायोग पर सवाल
जांच में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई। सूत्रों के मुताबिक, ISI के अधिकारी मुजम्मिल और एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश भारतीय यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के जरिए नफरत और भ्रामक सूचनाएं फैलाने की कोशिश कर रहे थे। माना जा रहा है कि ये लोग आतंकी गतिविधियों के लिए सूचनाएं जुटाने में भी शामिल थे।
तिहाड़ में बंद जासूस, UAPA के तहत कार्रवाई
गिरफ्तार दोनों एजेंटों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है। मई 2025 में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की, जिसमें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और राष्ट्रद्रोह जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। जांच में जब्त डिजिटल डिवाइसों का फॉरेंसिक विश्लेषण चल रहा है, और संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स, कॉल रिकॉर्ड्स व फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन्स की गहन पड़ताल जारी है।
भारत की सजगता ने तोड़ा ISI का गुरूर
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ISI की योजना दिल्ली में एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की थी, लेकिन भारत के “प्री-एम्पटिव स्ट्राइक” ने इसे विफल कर दिया। यह ऑपरेशन भारत की खुफिया ताकत और त्वरित कार्रवाई का शानदार उदाहरण है। जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश में हैं, ताकि भविष्य में ऐसी साजिशों को और मजबूती से रोका जा सके।
भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की कोई भी कोशिश नाकाम रहेगी। यह कार्रवाई न केवल ISI के लिए करारा जवाब है, बल्कि देश की सुरक्षा में तैनात जवानों और एजेंसियों के अथक परिश्रम का भी सम्मान है।