नई दिल्ली, 21 मई 2025, बुधवार। तमिलनाडु के रानीपेट जिले के अरक्कोणम से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में सियासी भूचाल ला दिया है। एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने अपने पति और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के युवा शाखा के पदाधिकारी देइवासेयाल पर संगीन आरोप लगाए हैं। युवती का दावा है कि उसका पति न केवल उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था, बल्कि बड़े-बड़े नेताओं को लड़कियां “सप्लाई” करने का घिनौना धंधा भी चलाता था।
पत्नी के चौंकाने वाले आरोप
पीड़िता ने बताया कि देइवासेयाल ने उसे DMK के कई नेताओं के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। उसने अपने बयान में कहा, “वह मुझे धमकाता था कि अगर मैंने पुलिस में शिकायत की, तो मुझे और मेरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।” युवती ने यह भी खुलासा किया कि देइवासेयाल ने कॉलेज जाते वक्त उस पर हमला किया, उसे घायल किया और उसका फोन तोड़ दिया। उसने कहा, “वह अक्सर कहता था कि पुलिस उसका साथ देगी, चाहे मैं कुछ भी कर लूं।”
यही नहीं, पीड़िता ने यह भी बताया कि उसका पति 20 साल की अन्य युवतियों को भी जबरदस्ती राजनेताओं के पास भेजता था और विरोध करने पर धमकियां देता था। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि देइवासेयाल के तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी से करीबी रिश्ते हैं, जिसने इस मामले को और भी जटिल और राजनीतिक बना दिया है। अत्याचारों से तंग आकर पीड़िता ने आत्महत्या की कोशिश तक की, लेकिन उसकी शिकायत ने अब इस काले कारनामे को उजागर कर दिया है।
पुलिस की देरी पर सवाल, AIADMK का हमला
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दल AIADMK ने DMK सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर FIR दर्ज करने में देरी की, क्योंकि आरोपी के सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से गहरे संबंध हैं। AIADMK नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “DMK सरकार में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। अगर हमारे अरक्कोणम विधायक एस. रवि ने हस्तक्षेप न किया होता, तो शायद FIR तक दर्ज न होती।” पलानीस्वामी के इस बयान ने मामले को और तूल दे दिया है। हालांकि, पुलिस ने अब FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन FIR में देरी को लेकर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।
सियासी तूफान और सवालों का घेरा
इस मामले ने तमिलनाडु की राजनीति में हंगामा मचा दिया है। DMK के लिए यह आरोप न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि सत्ताधारी पार्टी की छवि पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। दूसरी ओर, AIADMK इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। यह मामला न केवल एक महिला की आपबीती है, बल्कि सत्ता, प्रभाव और अपराध के खतरनाक गठजोड़ की ओर भी इशारा करता है।
पुलिस की जांच और इस मामले में आगे होने वाली कार्रवाई पर अब सबकी नजरें टिकी हैं। क्या पीड़िता को इंसाफ मिलेगा? क्या इस सनसनीखेज खुलासे के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आएगी? यह सवाल तमिलनाडु की जनता के साथ-साथ पूरे देश को झकझोर रहे हैं।