नई दिल्ली, 21 मई 2025, बुधवार। श्री अमरनाथ और माता वैष्णो देवी की पवित्र यात्राओं को और सुगम, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन किया है, जिसमें देश की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुई हैं। इनमें इंफोसिस फाउंडेशन की संस्थापक सुधा मूर्ति, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, और प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री जैसे नाम शामिल हैं, जो अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए पहचाने जाते हैं।
बोर्ड का पुनर्गठन: नए चेहरों का समावेश
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो दोनों बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, ने प्रत्येक बोर्ड में नौ-नौ सदस्यों को तीन साल के लिए नामित किया है। अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड में कुछ पुराने सदस्यों को बरकरार रखा गया है, जबकि कई नए चेहरों को शामिल किया गया है, जो शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक कार्य और अध्यात्म जैसे विविध क्षेत्रों से हैं। यह कदम दोनों तीर्थस्थलों की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड: नए सदस्य
अमरनाथ श्राइन बोर्ड में शामिल प्रमुख हस्तियां हैं:
महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि: जूना अखाड़ा के आचार्य, जो अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने उपराज्यपाल का आभार जताते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है। बाबा अमरनाथ की कृपा संपूर्ण राष्ट्र पर बनी रहे।”
प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री: संस्कृत के प्रचार-प्रसार में समर्पित, पद्मश्री से सम्मानित विद्वान।
प्रो. कैलाश मेहरा: जम्मू के एमएएम कॉलेज में संगीत की पूर्व प्रोफेसर।
डॉ. शैलेश रैना: मुंबई के जसलोक अस्पताल में यूरोलॉजी के निदेशक, जिन्होंने जम्मू में किडनी ट्रांसप्लांट की शुरुआत की।
केके शर्मा, केएन राय, मुकेश गर्ग, डॉ. समृद्धि बिंद्रू, सुरेश हावरे: विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अन्य सदस्य।
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड: दिग्गजों का योगदान
वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में शामिल प्रमुख नाम हैं:
सुधा मूर्ति: इंफोसिस फाउंडेशन की संस्थापक और राज्यसभा सांसद, जो सामाजिक कार्यों और परोपकार के लिए जानी जाती हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि: आध्यात्मिक क्षेत्र की जानी-मानी शख्सियत।
डॉ. अशोक भान: पूर्व पुलिस अधिकारी और अतिरिक्त महानिदेशक, जो पहले भी बोर्ड का हिस्सा रहे हैं।
बालेश्वर राय: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी।
गुंजन राणा, डॉ. केके तलवार, कुलभूषण आहूजा, ललित भसीन, सुरेश शर्मा: विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं
इस पुनर्गठन का उद्देश्य दोनों तीर्थस्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। बोर्ड के नए और अनुभवी सदस्यों का यह संयोजन यात्रा को और व्यवस्थित, सुरक्षित और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में यह कदम न केवल तीर्थयात्रा की व्यवस्थाओं को मजबूत करेगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी और बढ़ाएगा।
एक नया अध्याय
यह पुनर्गठन दोनों तीर्थस्थलों के प्रबंधन में एक नए अध्याय की शुरुआत है। सुधा मूर्ति जैसे सामाजिक कार्यकर्ता, स्वामी अवधेशानंद गिरि जैसे आध्यात्मिक गुरु और प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री जैसे विद्वानों का सहयोग निश्चित रूप से इन पवित्र यात्राओं को और अधिक यादगार और सुगम बनाएगा। देशभर के श्रद्धालु इस बदलाव का स्वागत कर रहे हैं, और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह प्रयास तीर्थयात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।