वाराणसी, 21 मई 2025, बुधवार। काशी, जहां गंगा की लहरें और प्राचीन मंदिरों की घंटियां एक अनूठा समन्वय रचती हैं, अब आधुनिक परिवहन की दुनिया में भी नया इतिहास लिखने को तैयार है। देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे काशी की पवित्र धरती पर तेजी से आकार ले रहा है। कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर निर्माण कार्य जोरों पर है, और अब तक 87 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। रथयात्रा स्टेशन का पहला लुक सामने आ चुका है, जो न केवल आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक विरासत के साथ भी सामंजस्य बिठाता है।
निर्माण में तेजी, जून तक पहले चरण का उद्घाटन
पहले चरण के पहले सेक्शन (कैंट से रथयात्रा) का काम जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। तीनों स्टेशनों पर सिविल कार्य पूरी तरह समाप्त हो चुका है, जबकि फसाड, इंटीरियर और उपकरणों की स्थापना 85 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने बताया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाई जा रही है। विशेषज्ञों की निगरानी में इंटीरियर और उपकरणों का इंस्टालेशन तेजी से चल रहा है, जिसमें 98 प्रतिशत उपकरण स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है।
ऑस्ट्रिया की विशेषज्ञता से रोपवे को नई उड़ान
रोपवे के संचालन के लिए ऑस्ट्रिया की प्रतिष्ठित कंपनी “रोप एक्सपर्ट्स” ने अपनी तकनीकी दक्षता का योगदान दिया है। रोप पुलिंग का जटिल कार्य इनके इंजीनियरों ने बखूबी पूरा किया। 30 जनवरी 2025 से शुरू हुआ ट्रायल रन अप्रैल 2025 में सफलतापूर्वक समाप्त हो गया, जिसने इस परियोजना की विश्वसनीयता को और मजबूत किया। अब रोपवे के संचालन के लिए सभी उपकरणों और टेस्टिंग का कार्य लगभग अंतिम चरण में है।
काशी के लिए एक नया युग
यह रोपवे न केवल काशीवासियों के लिए परिवहन को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अनूठा अनुभव होगा। हवा में लटकते केबिन्स से काशी की गलियों, मंदिरों और गंगा घाटों का नजारा देखना अपने आप में एक यादगार अनुभव होगा। यह परियोजना न केवल काशी की भीड़भाड़ को कम करेगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को भी बढ़ावा देगी।
काशी का यह रोपवे परंपरा और आधुनिकता का एक शानदार मेल है, जो शहर को एक नई पहचान देगा। जैसे-जैसे जून 2025 नजदीक आ रहा है, काशीवासियों और पर्यटकों की उत्सुकता चरम पर है। यह रोपवे सिर्फ एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि काशी की प्रगति और गौरव का प्रतीक बनने जा रहा है।