अमृतसर, 20 मई 2025, मंगलवार। ऑपरेशन सिन्दूर की शानदार सफलता के बाद अमृतसर की पावन धरती पर ‘तिरंगा यात्रा’ का भव्य आयोजन हुआ, जो भारतीय सेना, सुरक्षाबलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कृतज्ञता और एकजुटता का प्रतीक बना। शहीद भगत सिंह वेलफेयर क्लब द्वारा आयोजित इस यात्रा में सैकड़ों स्कूली बच्चे, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, शहर की जानी-मानी हस्तियाँ और आम नागरिक शामिल हुए। सड़कों पर गूंजते नारे, तिरंगे की लहर और उत्साह का माहौल इस बात का सबूत था कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ हर कदम पर अडिग है।
तरुण चुग का जोशीला संदेश
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर देशवासियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिन्दूर ने विश्व को दिखा दिया कि भारत शांति का पुजारी है, लेकिन आतंकवाद का खात्मा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यह तिरंगा यात्रा हमारे वीर जवानों, सुरक्षाबलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमन है, जिनके नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद को करारा जवाब दिया।”
चुग ने दो टूक शब्दों में कहा, “अब न ‘टेरर और टॉक’ चलेगा, न ‘टेरर और ट्रेड’ का ढोंग। जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को खत्म नहीं करता, तब तक भारत उससे सिर्फ दो मुद्दों पर बात करेगा—पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंकवाद का पूर्ण विनाश।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और न्याय की हुंकार थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
स्वर्ण मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा
चुग ने पाकिस्तान द्वारा श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कायराना हरकत की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे न सिर्फ सैन्य उकसावा, बल्कि पंजाब की आस्था, संस्कृति और विरासत पर हमला बताया। “भारत अपनी संप्रभुता और पवित्र स्थलों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
तिरंगा यात्रा की शान
लाहौरी गेट से शुरू हुई यह यात्रा बेरी गेट, कटरा भाई संत सिंह, बाजार खिलौना, बाजार फुलावाला, टुंडा तालाब चौक, बाजार टोकड़ियां और कटरा सफेद होते हुए पुनः लाहौरी गेट पर समाप्त हुई। रास्ते में जगह-जगह आरती की थालियों और फूलों की वर्षा से यात्रा का स्वागत हुआ। “भारत माता की जय”, “हम सैन्य बलों के साथ हैं” और “भारत ऑपरेशन सिन्दूर के साथ” जैसे नारे गूंजते रहे, जो लोगों के जोश और देशभक्ति को दर्शा रहे थे।
यात्रा की सबसे मनमोहक झलक थी एक नन्हीं बच्ची, जो ‘भारत माता’ के रूप में रथ पर सवार थी। स्कूली बच्चों ने 100 फीट लंबा तिरंगा थामा, जबकि अन्य लोग ऑपरेशन सिन्दूर का मानचित्र, प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें और भारतीय सेना की वीरता को दर्शाने वाले पोस्टर लिए हुए थे।
एकता और साहस का प्रतीक
यह तिरंगा यात्रा न केवल ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता का उत्सव थी, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। तरुण चुग ने अपने संबोधन में कहा, “यह यात्रा हमारी एकता, साहस और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है। हम अपने सैनिकों और नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
अमृतसर की इस तिरंगा यात्रा ने न केवल शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया, बल्कि पूरे देश को यह संदेश दिया कि भारत अब किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेगा। यह यात्रा एक ऐसी कहानी बन गई, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी—एकता, साहस और राष्ट्रप्रेम की कहानी।