वाराणसी, 19 मई 2025, सोमवार। वाराणसी का 115 वर्ष पुराना उदय प्रताप महाविद्यालय (यूपी कॉलेज), जो पूर्वांचल के शैक्षणिक गौरव का प्रतीक है, अब जल्द ही एक राजकीय विश्वविद्यालय के रूप में नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की प्रक्रिया को गति दे दी है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, शासन ने वाराणसी के जिलाधिकारी से पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह कदम न केवल कॉलेज के लिए, बल्कि पूरे पूर्वांचल के शैक्षणिक परिदृश्य के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देता है।
शासन की मांग: पांच बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी
उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जिलाधिकारी को निम्नलिखित पहलुओं पर जानकारी एकत्र करने का आदेश दिया गया है:
प्रबंध समिति की स्थिति: कॉलेज से जुड़ी प्रबंध समिति या ट्रस्ट का पंजीकरण, सदस्यों की संख्या, और किसी भी विवाद की स्थिति का स्पष्ट विवरण।
शैक्षणिक और कर्मचारी विवरण: प्रस्तावित विश्वविद्यालय में शामिल होने वाले सभी शिक्षण संस्थानों, उनके शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की संख्या का ब्यौरा।
जमीन का विवरण: विश्वविद्यालय के लिए प्रस्तावित भूमि, जिसमें सरकारी या विवादित भूमि की स्थिति शामिल है।
परिसर का खाका: कॉलेज परिसर में मौजूद भवनों की संख्या, क्षेत्रफल, खेल मैदान, और नक्शा। साथ ही, परिसर में सरकारी भूमि की स्थिति।
आर्थिक स्थिति और परिसंपत्तियां: प्रबंध समिति के नाम दर्ज संपत्तियों, भवनों, और अन्य परिसंपत्तियों का मूल्यांकन, साथ ही वित्तीय स्थिति का विस्तृत विवरण।
इन बिंदुओं पर तैयार होने वाली रिपोर्ट विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए नींव का काम करेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा से शुरू हुआ सफर
पिछले साल 25 नवंबर 2024 को यूपी कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था। इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज को राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की और प्रबंधन से एक सादे कागज पर प्रस्ताव देने को कहा। कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 1 जनवरी 2025 को शासन को प्रस्ताव सौंप दिया। इस घोषणा ने कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और पूर्वांचल के लोगों में एक नई उम्मीद जगाई।
प्रमुख सचिव का दौरा: भविष्य की योजनाओं को मिला बल
20 अप्रैल 2025 को उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने कॉलेज के संकाय, पुस्तकालय, डेयरी, आरएसएमटी, और अन्य सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्राचार्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह के साथ लॉ फैकल्टी, नर्सिंग, और पैरामेडिकल कोर्स शुरू करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। यह दौरा कॉलेज की क्षमताओं और विश्वविद्यालय बनने की उसकी तैयारियों को परखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
पूर्वांचल की शिक्षा को नई दिशा
यूपी कॉलेज का विश्वविद्यालय बनना केवल एक संस्थान की उन्नति की कहानी नहीं है, बल्कि यह पूरे पूर्वांचल के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने का अवसर है। यह कदम क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अवसर, आधुनिक पाठ्यक्रम, और उन्नत सुविधाएं प्रदान करेगा। साथ ही, यह वाराणसी को एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में और मजबूत करेगा।
एक गौरवशाली इतिहास का नया पड़ाव
115 साल पुराना यूपी कॉलेज अपनी समृद्ध विरासत और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अब, विश्वविद्यालय बनने की ओर बढ़ते हुए, यह संस्थान न केवल अपने गौरवशाली अतीत को संजोएगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक नया कीर्तिमान भी स्थापित करेगा। शासन की त्वरित कार्रवाई और कॉलेज प्रशासन की सक्रियता इस सपने को जल्द साकार करने की दिशा में मजबूत कदम हैं।
यह पहल निस्संदेह पूर्वांचल के शैक्षणिक परिदृश्य को नई ऊर्जा और दिशा देगी, और यूपी कॉलेज का नाम देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शुमार होने की ओर अग्रसर है।