वाराणसी, 19 मई 2025, सोमवार। वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने सोमवार को जिला जेल में अचानक पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जिसने जेल प्रशासन को सतर्क कर दिया। अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा और एडीएम सिटी आलोक वर्मा के साथ पहुंचे डीएम ने जेल की हर छोटी-बड़ी व्यवस्था को खंगाला और यह सुनिश्चित किया कि बंदियों को मिलने वाली सुविधाएं जेल मैनुअल के मानकों पर खरी उतरें।
सीसीटीवी से नजर, हर कोने की पड़ताल
निरीक्षण की शुरुआत डीएम ने नियंत्रण कक्ष से की, जहां सीसीटीवी कैमरों के जरिए उन्होंने जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से जांच की। इसके बाद वे महिला बंदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों से मिले, उनकी स्थिति जानी और उनकी समस्याओं को समझा। इस संवेदनशील दृष्टिकोण ने बंदियों में विश्वास जगाया।
रसोई में साफ-सफाई, भोजन में गुणवत्ता का निर्देश
डीएम ने जेल के रसोईघर का दौरा किया, जहां बंदियों के लिए भोजन तैयार हो रहा था। उन्होंने साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “बंदियों को स्वच्छ, पौष्टिक और मानक के अनुरूप भोजन मिलना उनका अधिकार है।” किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
बंदियों से सीधी बात, समस्याओं का त्वरित समाधान
निरीक्षण का सबसे अहम हिस्सा रहा डीएम का बंदियों के साथ खुला संवाद। उन्होंने कई बंदियों से उनकी परेशानियां सुनीं और जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि इन शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाए। यह कदम बंदियों के प्रति प्रशासन की जवाबदेही को दर्शाता है।
पृष्ठभूमि में उठी चिंताएं, प्रशासन की सजगता
हाल ही में विधान परिषद की समिति ने जेल में मिलावटी भोजन और नकली दवाओं की आपूर्ति को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। इस संदर्भ में डीएम का औचक निरीक्षण न केवल समय पर उठाया गया कदम है, बल्कि यह प्रशासन की पारदर्शिता और सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।
डीएम सत्येंद्र कुमार का यह दौरा न सिर्फ जेल प्रशासन के लिए एक सख्त संदेश है, बल्कि बंदियों को यह भरोसा भी दिलाता है कि उनकी आवाज सुनी जा रही है। वाराणसी प्रशासन की यह सक्रियता जेल सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।