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Thursday, June 26, 2025

समाजवादी पार्टी के डीएनए पर सवाल: ब्रजेश पाठक का अखिलेश यादव पर निशाना

नई दिल्ली, 19 मई 2025, सोमवार। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) और इसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। अपने X पोस्ट में पाठक ने सपा के “डीएनए में खराबी” की बात दोहराते हुए इसे पार्टी की राजनीतिक सोच और नीतियों से जोड़ा। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब पाठक ने सपा के डीएनए पर टिप्पणी की, जिसका जवाब अखिलेश ने तल्खी के साथ दिया।

पाठक का आरोप: सपा की राजनीति का आधार जातिवाद और तुष्टीकरण

ब्रजेश पाठक ने अपने पोस्ट में साफ किया कि सपा के डीएनए में खराबी का मतलब किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि पार्टी की राजनीतिक विचारधारा से है। उनके अनुसार, सपा की राजनीति की बुनियाद जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी है। पाठक ने आरोप लगाया कि सपा ने कभी “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत को नहीं अपनाया और उसकी प्राथमिकता हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही। विशेष रूप से, उन्होंने सपा पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया, दावा किया कि पार्टी की नीतियाँ, नियुक्तियाँ और कानून-व्यवस्था के फैसले एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बनाए गए। पाठक ने उदाहरण देते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए 14 आतंकी मामलों को वापस लिया, जिसे उन्होंने तुष्टीकरण का हिस्सा बताया।

दलितों के प्रति सपा का रवैया

पाठक ने सपा पर दलित विरोधी होने का भी आरोप लगाया। उनके मुताबिक, सपा शासन में दलितों के अधिकारों को कुचला गया और उन्हें राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखा गया। दलितों के खिलाफ अन्याय की घटनाओं में वृद्धि को उन्होंने सपा की राजनीतिक मानसिकता से जोड़ा, इसे प्रशासनिक विफलता से कहीं अधिक गहरी समस्या बताया।

सपा के डीएनए पर व्यापक हमला

उपमुख्यमंत्री ने सपा की पूरी राजनीति को समाज को बांटने वाली करार दिया। उन्होंने कहा कि सपा की नीतियाँ जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर बनती हैं, जो सामाजिक एकता को कमजोर करती हैं। पाठक ने अखिलेश को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी की सोच बदलें और “खराब डीएनए” को सुधारें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सपा नहीं बदली, तो 2027 तक और उसके बाद भी जनता उनकी इस राजनीति को निशाना बनाएगी।

अखिलेश का जवाब और पाठक की प्रतिक्रिया

पाठक ने अखिलेश के जवाब को भी अपने पोस्ट में निशाना बनाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश ने खुद स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के कुछ लोग समाजवादी नेताओं जैसे जेपी, लोहिया और राजनारायण के विचारों को “गंदी गालियों” में बदल रहे हैं। पाठक ने इसे सपा के डीएनए की खराबी का सबूत बताया और अखिलेश को नसीहत दी कि वे “आईने से झगड़ने” के बजाय अपनी गलतियों को सुधारें।

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