N/A
Total Visitor
37.4 C
Delhi
Thursday, June 26, 2025

ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि

नई दिल्ली, 19 मई 2025, सोमवार। भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत साबित की है, विशेष रूप से ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और ‘आकाश’ वायु रक्षा प्रणाली के साथ। इन हथियारों की अंतरराष्ट्रीय मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो भारत की रक्षा निर्यात नीति और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है।

ब्रह्मोस, भारत और रूस के संयुक्त उद्यम द्वारा विकसित, अपनी 2.8 मैक गति, 300-800 किमी रेंज और सटीकता के लिए जानी जाती है। यह जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च होने वाली बहुमुखी मिसाइल है। हाल के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इसकी प्रभावशीलता ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। फिलीपींस पहला देश है, जिसने 2022 में 375 मिलियन डॉलर के सौदे के तहत ब्रह्मोस खरीदा, और अप्रैल 2025 तक दूसरी बैटरी प्राप्त की। इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, सऊदी अरब, यूएई, और दक्षिण अफ्रीका सहित 15 से अधिक देशों ने इसमें रुचि दिखाई है, कुछ के साथ सौदे अंतिम चरण में हैं। भारत प्रतिवर्ष 1000-1200 ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन करता है, जिसे नए प्लांट्स के साथ बढ़ाने की योजना है।

दूसरी ओर, आकाश मिसाइल प्रणाली, जो डीआरडीओ और भारत डायनामिक्स द्वारा निर्मित है, हवाई हमलों, ड्रोन्स और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। आर्मेनिया इसका पहला विदेशी खरीदार है, और यूएई जैसे देशों को निर्यात की पेशकश की गई है। भारत का रक्षा निर्यात 2025 तक 5 अरब डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य है, जिसमें ब्रह्मोस और आकाश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »