देहरादून, 19 मई 2025, सोमवार: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रविवार को 16वें वित्त आयोग की टीम के आगमन ने एक नई आर्थिक उम्मीद की किरण जगाई है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में यह उच्चस्तरीय दल रविवार शाम ओल्ड मसूरी रोड स्थित होटल हयात रीजेंसी पहुंचा, जहां ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक अंदाज में उनका भव्य स्वागत किया गया। इस स्वागत में उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक साफ दिखाई दी।

मुख्यमंत्री के साथ अहम बैठक
सोमवार को देहरादून में एक महत्वपूर्ण दिन होने जा रहा है। सुबह सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राज्य सरकार आयोग के समक्ष अपनी योजनाओं और वित्तीय जरूरतों का प्रस्ताव पेश करेगी। यह बैठक उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों से भी होगा संवाद
दोपहर बाद आयोग की टीम होटल हयात रीजेंसी में त्रिस्तरीय पंचायतों, नगर निकायों के प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेगी। यह संवाद स्थानीय शासन और विकास की जमीनी हकीकत को समझने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

आयोग की टीम में कौन-कौन?
डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में इस दल में आयोग के सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा और संयुक्त निदेशक पी. अमरूथावर्षिनी शामिल हैं। यह टीम अपनी विशेषज्ञता के साथ उत्तराखंड की वित्तीय और विकासात्मक जरूरतों का गहन अध्ययन करेगी।

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत
टीम के देहरादून पहुंचने पर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह स्वागत उत्तराखंड की मेहमाननवाजी और आयोग के प्रति राज्य के उत्साह को दर्शाता है।

क्या है वित्त आयोग का मकसद?
16वां वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों के बंटवारे, स्थानीय निकायों को अनुदान और राज्यों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सिफारिशें तैयार करेगा। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां भौगोलिक चुनौतियों के साथ-साथ विकास की अपार संभावनाएं भी हैं।
यह दौरा न केवल उत्तराखंड की आर्थिक नीतियों को दिशा देगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर विकास को गति देने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। देहरादून में यह दो दिवसीय विचार-मंथन राज्य के भविष्य के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने की दिशा में पहला कदम है।