लखनऊ, 17 मई 2025, शनिवार। उत्तर प्रदेश की बेटियां अब केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि डिजिटल दुनिया और वित्तीय समझ के साथ आत्मनिर्भर बनेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू हुई एक नई पहल बेटियों के सपनों को पंख देने का वादा करती है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, प्रदेश की 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की करीब 80,000 छात्राओं को वित्तीय साक्षरता और डिजिटल कुशलता का मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा। यह कदम न सिर्फ शिक्षा को व्यवहारिक बनाएगा, बल्कि बेटियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।
क्या है यह खास योजना?
‘पासपोर्ट टू अर्निंग (P2E)’ नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए, यूनिसेफ के सहयोग से यह प्रशिक्षण पूरी तरह मुफ्त होगा। कोर्स पूरा करने पर छात्राओं को मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इस प्रशिक्षण में बेटियों को वित्तीय प्रबंधन की बारीकियां, जैसे बजट बनाना, बचत करना, सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन और कर्ज से बचने के गुर सिखाए जाएंगे। इसके साथ ही, डिजिटल टूल्स जैसे एक्सेल और पावरपॉइंट का उपयोग भी उन्हें आसान लगने लगेगा।
कैसे होगा प्रशिक्षण?
20 मई से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में हर स्कूल से एक नोडल शिक्षक को चुना जाएगा, जो पहले खुद प्रशिक्षण लेंगे और फिर छात्राओं को सिखाएंगे। समयसीमा तय है:
25 जुलाई तक: सभी छात्राएं P2E प्लेटफॉर्म पर लॉगइन करेंगी।
10 सितंबर तक: वित्तीय साक्षरता कोर्स पूरा होगा।
30 अक्टूबर तक: डिजिटल साक्षरता कोर्स समाप्त होगा।
नवंबर तक: प्रशिक्षण की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
वित्तीय साक्षरता कोर्स में 12 अध्याय और डिजिटल कुशलता में 8 अध्याय हैं, प्रत्येक लगभग 10 घंटे का। वीडियो, अभ्यास और ऑनलाइन टेस्ट के जरिए यह कोर्स मोबाइल या कंप्यूटर पर आसानी से किया जा सकता है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
क्यों है यह योजना खास?
गांवों और छोटे शहरों की बेटियां अक्सर डिजिटल और वित्तीय जानकारी से वंचित रह जाती हैं। यह योजना उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य को भी साकार करेगी, जो बच्चों को किताबों के साथ-साथ वास्तविक जीवन के लिए तैयार करने पर जोर देती है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है, “हमारी बेटियां भविष्य में अपने फैसले खुद लें, अपनी कमाई करें और आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, यही हमारा लक्ष्य है।”
बेटियों के लिए नया सवेरा
यह पहल सिर्फ नौकरी की तैयारी नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में बेटियों को सक्षम बनाने का प्रयास है। वित्तीय और डिजिटल दुनिया की समझ उन्हें आत्मविश्वास और स्वतंत्रता देगी। उत्तर प्रदेश की यह पहल न केवल बेटियों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है। योगी सरकार का यह कदम बेटियों को सशक्त, स्वावलंबी और सक्षम बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।