हसमुख उवाच
हमारा देश चमत्कारों का देश है,इसलिए हमारे यहाँ चमत्कार होते ही रहते हैं! अब देखिए न,भारत के “टुकड़े “पर बना पाकिस्तान, जब से बना है तब से अपने देश के लोगों को जन्नत के सफर का इन्तजाम करने में लगा रहा है, उसके इस कार्य में हमारे देश ने भी पर्याप्त सहयोग दिया है,उसने भारत पर हमले किए तो भारत ने उसके सैनिकों को जन्नत की सैर करवा दी, उसने भारत में आंतकी भेजे तो भारत ने हमेशा उन्हें जन्नत की हूरों से मिलाया ,और अब तो भारत सरकार ने अपनी सेना को पूरी छूट दे दी कि आंतक के ठिकानों को ठिकाने लगा कर जितनी मात्रा में हो सके आतंकियों को जन्नत भेजा जाए, इसके लिये भारत सरकार ने एक पैकज तैयार किया जिसका नाम है ” आपरेशन सिंदूर “
इस आपरेशन सिंदूर के चमत्कार देखने में भी आए, पहली ही किश्त में हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकियों के नौ ठिकानों को तबाह कर दिया, कयी आंतकी और उनके परिवार के लोग जन्नत के सफर पर निकल गये, ,आतंकियों को जन्नत पहूचाने का पुण्य कार्य ऊपर वाला करता हो या न करता हो, पर भारतीय सेना के जवान बड़ी मुस्तैदी से करते है, तबाह होने वाले इन नौ ठिकानों में एक मस्जिद भी चपेट में आ गई थी, एक पाकिस्तानी मौलाना ने शिकायत की कि_’हिंदुस्तान की सेना ने रात के दो बजे मस्जिद को तबाह कर दिया, जिसमे 22 औरतें मर गई, शिकायत अपनी जगह है पर उस मौलाना ने यह नहीं बताया कि मुस्लिम औरते दिन में भी मस्जिद में प्रवेश करती तो फिर रात के दो बजे वो मस्जिद में क्या कर रही थीं,मौलाना को तो भारत का और हमारी सेना का अहसान मानना चाहिए कि वो 22 औरतें मस्जिद से सीधे जन्नत की सैर पर निकल गयी न!
पाकिस्तान भी बड़ा विचित्र देश हैं, इस विचित्र देश के सैनिक अफसर भी विचित्र है, क्योंकि पाकिस्तान हिंदुस्तान से मार खाता रहा है, कोई लडाई उसने नहीं जीती, फिर भी पाकिस्तान के सैनिक अफसर अपनी छाती पर कयी मैडल लगाए नजर आते हैं, कौन सी जंग फतेह करके आए हैं ये पता ही नहीं चलता!
अक्सर बार्डर पर भारत और पाकिस्तान के सैनिक प्रदर्शन करते है, उसमें पाकिस्तान का जवान पहले बड़े जोश के साथ लेफ्ट राईट करता हुआ आता है, फिर अपना पैर खूब ऊंचा उठा कर पटकता है, पर देखा गया कि जैसे ही पाकिस्तान के उस सैनिक ने अपना पैर ऊंचा उठाया तो उसका दूसरा पैर लड़खड़ा गया और वह जमीन पर धड़ाम से गिर गया, पाकिस्तान में वस्तुओं के अभाव और मंहगाई की मार ने वहां के सैनिक की यह हालत कर रखी है, इस बारे में वहां के नेता या सैनिक अफसर विचार ही नहीं करते कि उनके पास जब इतने कमजोर सैनिक हैं तो उन्हें भारत से पंगा नहीं लेना चाहिए!
इन दिनों भी जब जंग जारी है, पाकिस्तान ने जो भी मिसाइलें छोड़ी वह सब फुस्स हो कर रह गयी, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी परेशान हो गये कि हमारी मिसाइल इतनी घटिया क्यों निकली! इसकी वजह भारत का बच्चा बच्चा जानता है कि चीन अपनी कबाड़ मिसाईलें पाकिस्तान को देता है, उन्हें ठोक पीट कर ठीक किया जाता है, फिर उन मिसाइलों पर हरा रंग पोत कर उन पर गौरी, गजनवी, शाहीन आदि नाम लिख दिए जाते हैं, अब ऐसी मिसाइलें तो मौके पर फुस्स हो ही जाएंगी!
इस आपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा चमत्कार ये है कि इस आपरेशन से हाफिज सयीद और मसूद अजहर का हाजमा खराब हो गया है, वो बार बार टायलेट जाने लगे हैं, मसूद के चौदह परिवार जनों को जन्नत मिल गयी तो वह दहाड़े मार कर कहने लगा कि _’मैं कब से इंतजार कर रहा था, मुझे जन्नत नसीब नही हुई और मेरे भाई समेत पूरे कुनबे को जन्नत मिल गयी, लेकिन आतंकियों का यह कुनबा यही सोच रहा है कि हमारा नंबर कब आएगा, उन्हें बेफिक्र रहना चाहिए, नंबर उनका अवश्य आएगा साथ ही यह भी समझ में आएगा कि किसी मासूम महिला के सिंदूर उजाड़ने का क्या परिणाम होता है।
जन्नत की हूरों को शायद पता होगा कि सिंदूर का क्या महत्व होता है। इसलिए जब ये आतंकी सरगने जन्नत में भारतीय सैनिकों द्वारा भेजे जाएंगे तो हो सकता है कि जन्नत की हूरें जरा भी लिफ्ट न दें, वैसे भी जन्नत की हूरें एक सौ तीस फिट की बताई जाती है, उनके सामने ये आतंकी सरगने बौने दिखाई देंगे और जन्नत की हूरें इन्हें बौना समझ कर इनकी खिल्ली उडाएगीं!
सच्चाई यह है कि पाकिस्तान के शासकों में हमेशा से सद्बुद्धि का अकाल रहा है, इनके कायदे आजम जिन्ना भी सनकी थे, सूअर का मांस खाने से उनमें बुद्धि नाम की कोई चीज़ ही नहीं बची थी, पहले पाकिस्तान बना लिया, फिर भी मुंबई में रहे फिर भारत के खिलाफ खुरफाती जंग जारी रखी ,पाकिस्तान की इस खुराफाती जंग ने पाकिस्तान के ही दो टुकड़े कर दिए ,पाकिस्तान के शासकों की बुद्धि में फिर भी चेतना का उदय नही हुआ, अब दो हजार चौदह में नरेन्द्र मोदी ने भारत की बागड़ोर संभाली तो नवाज शरीफ को समझाया कि_बहुत लड़ चुके हम,अब गरीबी के खिलाफ लड़ते हैं, मै मनमोहन सिंह नही हूं ,मैं नरेन्द्र मोदी हूं,मै ये धमाके पसंद नही करता हूं!”
लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया, समझ ही नहीं पाये कि अब वो जमानें नही रहे जब खलिल मिंया फाख्ता उड़ाया करते थे, भारत के बदलते मिजाज़ को समझे बिना पहलगाम में निर्दोषों को मारने और महिलाओं के सिंदूर उजाड़ने की खुराफात कर डाली! नतीजा हुआ “आपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा ही नहीं लगा सका, उसे इन पंक्तियों को समझना चाहिए था कि
“ऐसी करनी मत करो, कि सबसे झगडा होय, और उससे झगडा मत करो जो तुमसे तगड़ा होय!