लखनऊ, 13 मई 2025, मंगलवार। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार न केवल सरकारी नौकरियों में पारदर्शी भर्ती के लिए जानी जा रही है, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के रास्ते पर ले जाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल भी कायम कर रही है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत अब तक 2.5 लाख से ज्यादा युवाओं ने अपने सपनों को हकीकत में बदला है, और यह योजना अब देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन चुकी है।
स्वरोजगार की राह, 758 करोड़ की मदद
2018 में शुरू हुई इस योजना का मकसद साफ है—18 से 40 साल के शिक्षित और बेरोजगार युवाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना। अब तक 31,300 से ज्यादा युवाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है, जिन्हें सरकार ने 758.97 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। यह राशि मशीनरी, कच्चा माल और व्यवसाय शुरू करने की दूसरी जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। चाहे छोटा स्टार्टअप हो या मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, यह योजना युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका दे रही है।
25 लाख तक का ऋण, जल्द ब्याजमुक्त होने की उम्मीद
योजना के तहत युवाओं को 25 लाख रुपये तक का रियायती ऋण मिलता है। पात्रता के लिए जरूरी है कि आवेदक यूपी का स्थायी निवासी हो, 18-40 वर्ष की आयु का हो, और कम से कम हाईस्कूल पास हो। बैंक डिफॉल्टर इस योजना से बाहर हैं। खास बात यह है कि सरकार अब इस योजना को और आकर्षक बनाने की तैयारी में है। जल्द ही परियोजना लागत की सीमा को चार गुना तक बढ़ाया जा सकता है, और इसे सीएम युवा योजना के रूप में ब्याजमुक्त बनाकर ब्रांड करने की योजना है। इससे ज्यादा से ज्यादा युवा इस अवसर का फायदा उठा सकेंगे।
स्टार्टअप इंडिया की राह पर यूपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं की तरह, योगी सरकार की यह पहल भी युवाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित कर रही है। यह योजना न केवल रोजगार के अवसर पैदा कर रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश को स्वरोजगार का हब बनाने की दिशा में भी तेजी से बढ़ रही है।
युवाओं के लिए नया भविष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन साफ है—यूपी के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना इस सपने को साकार कर रही है। यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं देती, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास और स्वावलंबन का जज्बा भी जगाती है। उत्तर प्रदेश की यह पहल न केवल राज्य को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि देश के दूसरे राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश कर रही है।