बुलंदशहर, 13 मई 2025, मंगलवार। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने न केवल एक परिवार को हिलाकर रख दिया, बल्कि समाज के सामने रिश्तों की पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए। एक 15 वर्षीय किशोरी के साथ हुए अपराध ने सभी को स्तब्ध कर दिया, जब यह खुलासा हुआ कि इस जघरन्य कृत्य का गुनहगार कोई और नहीं, बल्कि उसका रिश्ते में दादा लगने वाला युवक था।
पेट दर्द ने उजागर किया भयावह सच
बात तब शुरू हुई, जब किशोरी को अचानक तेज पेट दर्द हुआ। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने सभी के होश उड़ा दिए। रिपोर्ट में पता चला कि किशोरी छह महीने की गर्भवती है। यह खबर सुनते ही परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। आखिर, ऐसा कैसे हो सकता था? सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने जांच शुरू की, और जो तथ्य सामने आए, वे रोंगटे खड़े करने वाले थे।
अपहरण से रेप तक का काला सच
20 अप्रैल को किशोरी के पिता ने जहांगीराबाद कोतवाली में अपनी बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज की। पुलिस ने तुरंत अपहरण का मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि किशोरी को अगवा करने वाला कोई और नहीं, बल्कि 25 वर्षीय युवक था, जो रिश्ते में उसका दादा लगता था। 8 मई को पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया और उसका बयान दर्ज किया। किशोरी के बयान और मेडिकल जांच ने पुष्टि की कि उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया था।
सात महीने तक चला घिनौना खेल
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी पिछले सात महीनों से किशोरी का यौन शोषण कर रहा था। किशोरी की मां के साथ वह आरोपी के घर अक्सर जाती थी, क्योंकि आरोपी की पत्नी को एक साल पहले बच्चा हुआ था। इसी दौरान आरोपी ने किशोरी को अपने जाल में फंसाया और उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। किशोरी के पिता ने बताया कि जब उन्होंने आरोपी से अपनी बेटी के बारे में पूछा, तो उसने साफ इनकार कर दिया। रिश्ते में दादा होने के नाते परिवार को उस पर भरोसा था, लेकिन उसने इस भरोसे को तार-तार कर दिया।
पुलिस का त्वरित एक्शन
जहांगीराबाद कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर रामफल सिंह ने बताया कि शिकायत मिलते ही मामला दर्ज किया गया। किशोरी को बरामद करने के बाद उसका मेडिकल कराया गया, जिसमें गर्भावस्था की पुष्टि हुई। इसके आधार पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
रिश्तों पर दाग, समाज में सवाल
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। रिश्तों में विश्वास और सुरक्षा की नींव को इस तरह के कुकृत्यों से गहरा आघात पहुंचता है। यह मामला हमें सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर हम अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? क्या रिश्तों का भरोसा अब भी अटूट है, या इसे बार-बार परखने की जरूरत है?
पुलिस ने अपना काम कर दिया, लेकिन इस घटना ने समाज के सामने कई अनुत्तरित सवाल छोड़ दिए। क्या हम अपने बच्चों को ऐसी मानसिक और शारीरिक पीड़ा से बचा पाएंगे? यह समय है जागरूक होने का, सतर्क रहने का, और सबसे बढ़कर, अपने आसपास के लोगों पर नजर रखने का।