वाराणसी, 13 मई 2025, मंगलवार। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की खबरें जब सुर्खियों में थीं, तब एक नाम ने सोशल मीडिया से लेकर लोगों के दिलों तक हलचल मचा दी—शिवांगी सिंह। भारतीय वायुसेना की पहली महिला राफेल पायलट शिवांगी न केवल अपने साहस और कौशल के लिए जानी जाती हैं, बल्कि हाल ही में पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर उनके बारे में फैली अफवाहों ने भी उन्हें चर्चा में ला दिया। दावा किया गया कि एक एयर स्ट्राइक के दौरान शिवांगी को पाकिस्तानी सेना ने निशाना बनाया, और वह फाइटर जेट से कूदकर पकड़ी गईं। लेकिन, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया, जिससे उनके परिवार और प्रशंसकों ने राहत की सांस ली।

भारतीय महिला पायलट के नाम से शेयर हो रही फोटो का स्क्रीनशॉट।
वायरल अफवाह और परिवार की राहत
वाराणसी के फुलवरिया रेलवे क्रॉसिंग के पास रहने वाले शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ने उस दिन को याद करते हुए बताया, “जब यह खबर फैली, तो मन में थोड़ी बेचैनी हुई। लेकिन हमें जल्द ही सच्चाई पता चली, और दिल को सुकून मिला।” गर्व से भरे पिता कहते हैं, “हमारी बेटी सुरक्षित है और देश की सेवा में जुटी है। पूरी दुनिया जानती है कि राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह है।” हालांकि, उन्होंने मीडिया के सामने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनकी बातों में बेटी पर गर्व साफ झलकता था।
BHU से NCC और फिर राफेल तक का सफर
शिवांगी सिंह की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं। वाराणसी में पली-बढ़ी शिवांगी ने अपनी स्कूलिंग के बाद सनबीम भगवानपुर से B.Sc की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में दाखिला लिया, जहां 2013 से 2016 तक उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) की 7 यूपी एयर स्क्वॉड्रन में ट्रेनिंग ली। यहीं से उनके हौसले को पंख लगे। 2016 में उन्होंने वायुसेना अकादमी जॉइन की और 2017 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया।

शिवांगी ने न केवल मिग-21 बाइसन जैसे विमान उड़ाए, बल्कि अंबाला की 17 स्क्वॉड्रन गोल्डन एरो में शामिल होकर राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट की कमान संभाली। वह उन चुनिंदा पायलटों में से एक हैं, जिन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन जैसे अनुभवी फाइटर पायलटों के साथ काम किया है। राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट के रूप में उन्होंने न सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया।
परिवार: सादगी और समर्पण की मिसाल
शिवांगी का परिवार बेहद सादगी भरा है। उनके पिता कुमारेश्वर सिंह ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय चलाते हैं, जबकि मां सीमा सिंह गृहिणी हैं। उनके बड़े भाई मयंक सिंह वाराणसी में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जबकि छोटा भाई शुभांशु और बहन हिमांशी भी अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। परिवार ने हमेशा शिवांगी के सपनों को पंख दिए और उनकी उपलब्धियों पर गर्व किया।
आसमान की सैर, देश का गौरव
शिवांगी सिंह की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखता है। NCC कैडेट से लेकर राफेल की कॉकपिट तक का उनका सफर मेहनत, लगन और देशभक्ति का प्रतीक है। पाकिस्तान की अफवाहों ने भले ही कुछ पल के लिए सुर्खियां बटोरीं, लेकिन शिवांगी का असली परिचय उनका साहस और समर्पण है। वह न केवल आसमान में उड़ान भरती हैं, बल्कि लाखों दिलों में भी उम्मीद की किरण जगाती हैं।
शिवांगी सिंह—एक नाम, जो भारत की शक्ति और नारी शक्ति का प्रतीक है।