प्रशांत पोळ
दोपहर ३ बजे, पाकिस्तान के DGMO ने भारत के समकक्ष अधिकारी से अपील की, कि पाकिस्तान युध्द विराम’ (सीज फायर) चाहता हैं। भारत ने इस शर्त पर, कि यदि भविष्य मे पाकिस्तान कुछ उल्टी-सीधी हरकत करता हैं तो वह Act of War माना जाएगा, युध्द विराम पर सहमती दी।
मात्र 72 घंटों मे, टूटी हुई कमर का पाकिस्तान, घुटनों के बल भारत के शरण आया।
स्वतंत्रता के बाद, पूरे 78 वर्षों मे पहली बार, किसी आतंकी हमले का इतना सटीक, इतना शानदार और इतना सफल जवाब भारत ने दिया हैं..!
इस युध्द का 95% हिस्सा पाकिस्तान की भूमी पर लडा गया। पाकिस्तान के 8 शहरों के एयरपोर्ट और हवाई पट्टीयां ध्वस्त की गई। चार बडे आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय पूर्णतः नष्ट किए गए। कंधार अपहरणकर्ताओं मे से तीन को हुरों के पास भेज दिया। पाकिस्तान के 500 से ज्यादा सैनिकों / दहशतवादियों को मारा गया।
इन तीन दिनों मे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूर्णतः चरमरा गई हैं। महंगाई आसमान छू रही हैं। उधर, बलूचिस्तान मे बलुचिस्तान लिबरल आर्मी, स्वतंत्र बलुचिस्तान के निकट पहुंच गई हैं। जनता मे सरकार और व्यवस्था के विरोध मे जबरदस्त आक्रोश निर्माण हुआ हैं।
इस सिमित युध्द से चीन के ड्रोन, मिसाईल्स और सैनिकी उपकरणों का खोखलापन सामने आया हैं। भारत के रक्षा प्रणाली की सफल टेस्टिंग हो गई हैं। इस प्रणाली पर भरोसा निर्माण हुआ हैं।
कुल मिला कर, शब्दशः पाकिस्तान की कमर टूटी हैं। भारत का आत्मविश्वास जगा हैं। ऐसे समय मे यदि कोई नेता / राष्ट्रप्रमुख, इस युध्दज्वर मे, टीवी चैनल्स ने फैलाएं हुए युध्द के उन्माद मे फंस कर, इस युध्द को लंबा खींचता, तो तेजी से बढती हमारी अर्थव्यवस्था को, हमारी प्रगती को ‘डेंट’ आता।
अत्यंत संयम के साथ, हमारे नेतृत्व ने यह जो परिपक्व निर्णय लिया हैं, वह statesmanship को प्रदर्शित करता हैं।
भारत के इस विजय की आप सब को बधाई..!
- प्रशांत पोळ