नई दिल्ली, 10 मई 2025, शनिवार। जम्मू और चंडीगढ़ हवाई अड्डों के अस्थायी बंद होने से हजारों यात्री असुविधा का सामना कर रहे थे। इस संकट की घड़ी में भारतीय रेलवे ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फंसे यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए रेल परिचालन की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लोगों की आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
रेल मंत्री ने रेलवे अधिकारियों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने का आदेश दिया, ताकि विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। उनके निर्देश थे कि नियमित ट्रेनों के साथ-साथ आवश्यकतानुसार विशेष ट्रेनों का भी परिचालन किया जाए, ताकि किसी भी यात्री को परेशानी न हो। इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करते हुए रेलवे ने 9 मई, 2025 को जम्मू और उधमपुर से चार विशेष ट्रेनों का संचालन किया।
पहली विशेष ट्रेन (04612) जम्मू रेलवे स्टेशन से सुबह 10:45 बजे रवाना हुई। इस ट्रेन में 12 अनारक्षित और 12 रिजर्व श्रेणी के कोच शामिल किए गए, ताकि सभी वर्गों के यात्रियों को सुविधा मिल सके। दोपहर 12:45 बजे उधमपुर से 20 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा शुरू की, जो जम्मू और पठानकोट के रास्ते नई दिल्ली पहुंची। इस ट्रेन की गति और सुविधाओं ने यात्रियों को त्वरित और आरामदायक सफर का अनुभव प्रदान किया।
शाम 7:00 बजे जम्मू से 22 एलएचबी कोच वाली एक और विशेष ट्रेन रवाना हुई, जिसे लंबी दूरी के यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। इसके अतिरिक्त, दोपहर 3:30 बजे जम्मू से एक और वंदे भारत विशेष ट्रेन ने प्रस्थान किया, जो शाम को नई दिल्ली स्टेशन पहुंची। इन ट्रेनों के संचालन से न केवल फंसे यात्रियों को राहत मिली, बल्कि रेलवे की तत्परता और जवाबदेही भी सामने आई।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। विशेष ट्रेनों के परिचालन ने यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प प्रदान किया, जिससे उनकी परेशानियां काफी हद तक कम हुईं। यह प्रयास रेलवे की सेवा भावना और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की क्षमता का जीवंत उदाहरण है।