नई दिल्ली, 8 मई 2025, गुरुवार। जम्मू-कश्मीर के पुंछ और तंगधार सेक्टर में मंगलवार रात से शुरू हुई पाकिस्तानी सेना की भीषण गोलाबारी ने एक बार फिर सीमा पर दहशत फैला दी। इस हमले में 15 बेगुनाह नागरिकों की जान चली गई, जबकि 43 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। पाकिस्तान ने न केवल सीज़फायर का उल्लंघन किया, बल्कि जानबूझकर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिससे गांवों में तबाही मच गई। घरों की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं, दीवारों में दरारें पड़ गईं, और लोगों के दिलों में खौफ समा गया।
गुरुद्वारे पर हमला: मानवता पर प्रहार
इस हमले की सबसे दिल दहलाने वाली घटना थी पुंछ के श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा साहिब पर गोलाबारी। इस पवित्र स्थल पर हुए हमले में तीन सिख श्रद्धालु—भाई अमरीक सिंह (रागी), भाई अमरजीत सिंह और भाई रणजीत सिंह—शहीद हो गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसे मानवता पर हमला बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और केंद्र सरकार से पीड़ित परिवारों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस हमले को निंदनीय ठहराया और कहा, “गुरुद्वारे जैसे पवित्र स्थानों को निशाना बनाना न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि आम लोगों पर सीधा हमला है।”
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को करारा जवाब
पाकिस्तान की यह हरकत भारतीय सेना के हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आई, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया था। इस ऑपरेशन ने आतंक के आकाओं को साफ संदेश दिया था कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। फिर भी, पाकिस्तान ने अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने की कोशिश की और सीज़फायर तोड़कर आम लोगों को निशाना बनाया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना की पीठ थपथपाई। सीमा सड़क संगठन (BRO) की 50 परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने साहस, सतर्कता और मानवता का अद्भुत उदाहरण पेश किया। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया, जिनके नेतृत्व में सेना ने यह ऐतिहासिक कार्रवाई की।
पहलगाम हमले का बदला
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि हाल ही में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें 26 लोगों को बेरहमी से मारा गया, कश्मीर में लौट रही शांति को भंग करने की साजिश थी। उन्होंने कहा, “हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि भारत पर और हमले हो सकते हैं। इसलिए, आतंक के ढांचे को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था।”