नई दिल्ली, 8 मई 2025, गुरुवार। भारतीय सैन्यबलों ने आतंक के आकाओं को करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान की धरती पर दहशत की नींव हिला दी। 6 और 7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने न सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित मुरीदके के कुख्यात मरकज तैयबा कैंप को भी मिट्टी में मिला दिया। यह वही कैंप है, जहां 26/11 के मुंबई हमले के गुनहगार अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली जैसे आतंकियों ने दहशत की ट्रेनिंग ली थी।
मुरीदके से सामने आए ताजा वीडियो ने भारतीय हमले की भयावह तस्वीर उजागर कर दी है। करीब 82 एकड़ में फैला लश्कर-ए-तैयबा का यह मुख्यालय अब मलबे का ढेर बन चुका है। वीडियो में ध्वस्त इमारतों के बीच बिखरा मलबा, टूटी-फूटी दीवारें और छतें जो फर्श में तब्दील हो चुकी हैं, तबाही की गवाही दे रही हैं। इमारतों के भीतर का नजारा और भी दिल दहलाने वाला है—लकड़ी के फ्रेम बमुश्किल खड़े हैं, फर्नीचर चूर-चूर हो चुका है, और दीवारों में सिर्फ सरिए की हड्डियां नजर आ रही हैं।
इस कैंप में कभी आतंकी भारत के खिलाफ साजिशें रचते थे, हाफिज सईद के फरमान सुनते थे, और दहशत की ट्रेनिंग लेते थे। लेकिन अब यहाँ सिर्फ मलबा और सन्नाटा है। वीडियो में दिख रही रेस्क्यू गाड़ियाँ और एम्बुलेंस इस बात का सबूत हैं कि भारतीय हमले ने आतंक की इस नर्सरी को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। पाकिस्तान की ओर से लगाए गए सील के निशान इस हकीकत को और पुख्ता करते हैं कि यह कैंप अब सिर्फ इतिहास की एक काली दास्ताँ बनकर रह गया है।
25 साल पहले स्थापित यह मरकज कभी आतंकियों का सबसे बड़ा अड्डा माना जाता था, लेकिन भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने इसे मलबे के ढेर में बदल दिया। यह हमला न सिर्फ आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है, बल्कि एक सख्त संदेश भी है—दहशत की कोई भी साजिश अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।