वाराणसी, 6 मई 2025, मंगलवार। वाराणसी, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी, इन दिनों एक राजनीतिक विवाद के केंद्र में है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के एक बयान ने न केवल स्थानीय लोगों के बीच गुस्सा भड़काया है, बल्कि पाकिस्तानी मीडिया की सुर्खियों में भी जगह बना ली है। इस बयान के बाद वाराणसी की गलियों में “पाकिस्तानी हीरो” के नाम से अजय राय के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें तीखा आक्रोश और नाराजगी साफ झलक रही है। यह पोस्टर अभियान बीजेपी नेता सुनील यादव की ओर से शुरू किया गया है, और यह तेजी से शहर के अलग-अलग हिस्सों में फैल रहा है।
राफेल को “खिलौना” बताने का बयान और नींबू-मिर्च का तंज
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में गुस्से और शोक का माहौल है। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इसी बीच, अजय राय ने वाराणसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राफेल लड़ाकू विमान को “खिलौना” करार दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक खिलौना विमान पर नींबू-मिर्च लटकाकर यह तंज कसा कि “राफेल पर नींबू-मिर्ची लटकाकर हवाई अड्डों पर खड़ा कर दिया गया है।” उनका कहना था कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई में नाकाम रही है और राफेल जैसे आधुनिक हथियारों का उपयोग नहीं हो रहा।
यह बयान न केवल भारत में विवादास्पद रहा, बल्कि पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स, खासकर ARY न्यूज और शमा टीवी, ने इसे हाथों-हाथ लिया। पाकिस्तानी मीडिया ने इस बयान को भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा के रूप में इस्तेमाल करते हुए हेडलाइंस बनाईं, जैसे “राफेल विमानों को नींबू और मिर्च बांधकर हैंगर में खड़ा किया गया है।” इसने काशीवासियों में गुस्सा भड़का दिया, जो इसे भारतीय सेना और राष्ट्रीय गौरव का अपमान मान रहे हैं।
“पाकिस्तानी हीरो” का पोस्टर: वाराणसी में भड़का आक्रोश
अजय राय के बयान के बाद वाराणसी की सड़कों पर एक अनोखा विरोध देखने को मिला। बीजेपी नेता सुनील यादव ने शहर के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगवाए, जिनमें अजय राय को “पाकिस्तानी हीरो” के रूप में चित्रित किया गया। इन पोस्टरों में पाकिस्तानी टीवी चैनलों के उन सेगमेंट्स के स्क्रीनशॉट शामिल हैं, जहां अजय राय का बयान सुर्खियां बना।
पोस्टर में लिखा गया:
“भारत युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देश का विरोध करते हैं। सेना के खिलाफ दम भरते हैं। राफेल को लेकर गलत बयानी फैलाते हैं। खुद को देशभक्त बताते हैं। ऐसे अध्यक्ष पर आक थू…”
ये पोस्टर वाराणसी के चौराहों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों में इस मुद्दे को लेकर चर्चा और गुस्सा और तेज हो गया है। काशीवासी, जो अपनी धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को लेकर संवेदनशील हैं, इसे न केवल सेना का अपमान मान रहे हैं, बल्कि इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के रूप में भी देख रहे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया की भूमिका और बीजेपी का पलटवार
पाकिस्तानी मीडिया ने अजय राय के बयान को भारत की सैन्य ताकत और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के लिए एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया। ARY न्यूज ने अपने प्राइम टाइम शो में इस बयान को बार-बार चलाया, जबकि शमा टीवी ने दावा किया कि “भारत के नेता ही अपनी सेना का मजाक बना रहे हैं।” बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाते हुए इसे कांग्रेस की “देशविरोधी मानसिकता” का सबूत बताया।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “अजय राय वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है। यह सेना का मनोबल तोड़ने की साजिश है।” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तो इसे “पाकिस्तानी परस्त” मानसिकता करार देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बीजेपी का कहना है कि ऐसे समय में, जब देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देने की तैयारी में है, कांग्रेस के नेता देश को कमजोर करने वाले बयान दे रहे हैं।
अजय राय की सफाई और कांग्रेस का रुख
विवाद बढ़ने के बाद अजय राय ने अपनी बात पर सफाई दी। उन्होंने कहा, “मैंने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया था। देश जानना चाहता है कि राफेल का इस्तेमाल कब होगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ही राफेल की डिलीवरी के समय नींबू-मिर्च का उपयोग किया था, और उनका बयान केवल सरकार की आंखें खोलने के लिए था।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने आधिकारिक रुख को दोहराया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ खड़ी है। पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस का आधिकारिक बयान सर्वदलीय बैठक में दिया गया है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समर्थन किया गया। हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों ने इस रुख को कमजोर किया है, जिससे बीजेपी को हमला करने का मौका मिला।