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Wednesday, August 6, 2025

वाराणसी के हनुमान घाट पर गंगा स्नान बना त्रासदी: दो होनहार छात्रों की असमय मौत

वाराणसी, 6 मई 2025, मंगलवार। वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, अपनी आध्यात्मिकता और गंगा के पवित्र घाटों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन मंगलवार की सुबह हनुमान घाट पर एक ऐसी हृदय विदारक घटना घटी, जिसने न केवल दो परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। गंगा स्नान के लिए आए दो होनहार छात्र, आदित्य राय (19) और विराट सिंह (19), गहरे पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई। दोनों ने हाल ही में JEE मेन्स क्वालिफाई किया था और अपने सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे थे। लेकिन नियति ने उनके सपनों को हमेशा के लिए अधूरा छोड़ दिया।

दोस्तों के साथ गंगा स्नान का प्लान

यह दुखद कहानी शुरू होती है मंगलवार सुबह 6 बजे, जब आदित्य राय और विराट सिंह अपने दो दोस्तों, वैभव केसरवानी और आदर्श, के साथ हनुमान घाट पर गंगा स्नान के लिए पहुंचे। आदित्य मध्यप्रदेश के सिंगरौली के रहने वाले थे, जबकि विराट मिर्जापुर की ट्यूबवेल कॉलोनी के निवासी थे। चारों दोस्त संकट मोचन के पास एक हॉस्टल में रहकर JEE एडवांस की तैयारी कर रहे थे। वैभव ने बताया, “हमने सोचा कि बुधवार को घर जाने से पहले आज गंगा स्नान कर लेते हैं। इसलिए सुबह-सुबह घाट पर आए।”

प्लान के मुताबिक, पहले वैभव और आदर्श नहाने गए, जबकि आदित्य और विराट को किनारे पर सामान और मोबाइल रखकर इंतजार करने को कहा गया। दोनों नहाकर सुरक्षित लौट आए। इसके बाद आदित्य और विराट की बारी थी। वे उत्साह के साथ गंगा के जल में उतरे, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह उनका आखिरी स्नान होगा।

आंखों के सामने डूब गए दोस्त

वैभव और आदर्श घाट के किनारे बैठकर बातें कर रहे थे, तभी उनकी नजर आदित्य और विराट पर पड़ी। दोनों अचानक गहरे पानी में डूबने लगे। वैभव ने बताया, “हमने देखा कि वे पानी में तड़प रहे थे। हम जोर-जोर से चिल्लाने लगे और मदद मांगने लगे। आसपास के कुछ लोग दौड़े, कुछ ने पानी में छलांग भी लगाई, लेकिन तब तक दोनों गंगा की गहराई में समा चुके थे।” यह दृश्य इतना भयावह था कि वैभव और आदर्श स्तब्ध रह गए।

सूचना मिलते ही अस्सी चौकी पुलिस, जल पुलिस और एनडीआरएफ की तीन टीमें तुरंत मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे तक चले सघन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दोनों के शव बरामद किए गए। अस्सी चौकी इंचार्ज पार्थ तिवारी ने बताया, “आदित्य के सिर पर चोट के निशान थे, जिससे लगता है कि गहरे पानी में किसी पत्थर से उनका सिर टकराया होगा। इस चोट ने शायद स्थिति को और गंभीर कर दिया।”

JEE मेन्स में चमका था दोनों का सितारा

आदर्श ने गमगीन स्वर में बताया कि आदित्य और विराट न केवल दोस्त थे, बल्कि बेहद मेहनती और प्रतिभाशाली छात्र भी थे। दोनों ने JEE मेन्स में शानदार प्रदर्शन कर क्वालिफाई किया था और अब JEE एडवांस की तैयारी में जुटे थे। आदर्श ने कहा, “हम चारों एक साथ हॉस्टल में रहते थे। दिन-रात पढ़ाई और भविष्य के सपनों की बातें करते थे। दोनों का सपना था कि वे देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लें।”

चारों दोस्तों ने बुधवार को अपने-अपने घर जाने की योजना बनाई थी। मंगलवार को गंगा स्नान का प्लान महज एक छोटा-सा पड़ाव था, लेकिन यह उनके जीवन का आखिरी पड़ाव बन गया। आदर्श ने कहा, “हमें क्या पता था कि हमारा यह स्नान इतनी बड़ी त्रासदी में बदल जाएगा।”

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

विराट के पिता, देवेंद्र सिंह, मिर्जापुर में जल निगम में जूनियर इंजीनियर हैं। उनका परिवार ट्यूबवेल कॉलोनी में रहता है। आदित्य के परिवार को भी सिंगरौली में इस दुखद खबर ने तोड़कर रख दिया। दोस्तों और रिश्तेदारों का कहना है कि दोनों युवा अपने परिवार की उम्मीदों का केंद्र थे। उनकी असमय मौत ने न केवल उनके माता-पिता के सपनों को चकनाचूर कर दिया, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डुबो दिया।

गंगा स्नान में बरतें सावधानी

जल पुलिस ने इस घटना को गंगा घाटों पर बढ़ती दुर्घटनाओं का हिस्सा बताया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि वाराणसी के सभी प्रमुख घाटों पर माइक के जरिए लोगों को गहरे पानी में न जाने की चेतावनी दी जाती है। गंगा का जलस्तर कम होने के कारण कुछ जगहों पर पानी अचानक गहरा हो जाता है, जिससे ऐसी दुर्घटनाएं हो रही हैं। जल पुलिस ने काशी आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे बैरिकेडिंग के बाहर न जाएं और सुरक्षित तरीके से स्नान करें।
पुलिस ने यह भी बताया कि घाटों पर सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, लेकिन कई लोग उत्साह या अनजाने में इन नियमों की अनदेखी कर देते हैं। इस हादसे ने एक बार फिर गंगा स्नान के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत को रेखांकित किया है।

एक सबक, एक चेतावनी

आदित्य और विराट की मौत केवल दो परिवारों की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह एक कड़ा सबक भी है। गंगा का पवित्र जल आध्यात्मिक शांति और मोक्ष का प्रतीक है, लेकिन इसकी गहराई को हल्के में लेना जानलेवा साबित हो सकता है। यह हादसा हमें याद दिलाता है कि सपनों को सच करने की राह में सावधानी और जागरूकता कितनी जरूरी है। आदित्य और विराट जैसे होनहार युवाओं की असमय विदाई ने उनके दोस्तों, परिवार और समाज को गहरे दुख में डुबो दिया।

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