वाराणसी, 6 मई 2025, मंगलवार। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद मिले खुफिया इनपुट्स ने पूरे भारत में घुसपैठियों की तलाश को और तेज कर दिया है। इस कड़ी में वाराणसी पुलिस ने एक बड़े सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें 60 संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी पुलिस के रडार पर आए। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 59 के पास पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले और एक के पास किशनगंज जिले से जारी आधार कार्ड बरामद हुए हैं। क्या ये वाकई भारतीय नागरिक हैं या अवैध रूप से देश में घुसे बांग्लादेशी? इस सवाल का जवाब पाने के लिए वाराणसी पुलिस ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को पत्र लिखकर इन दस्तावेजों के सत्यापन की मांग की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर इन संदिग्धों को वापस भेजने की कार्रवाई होगी, लेकिन तब तक इनकी कड़ी निगरानी जारी है।
250 से ज्यादा संदिग्धों की हुई पहचान
पहलगाम हमले के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। वाराणसी में पुलिस ने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बांग्लाभाषी लोगों के सत्यापन का अभियान शुरू किया। अब तक 250 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है, जिनके पास पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से जारी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हैं। ये लोग कूड़ा बीनने से लेकर मजदूरी जैसे कामों में लगे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इनके दस्तावेज असली हैं?
बीरभूम: घुसपैठ का गढ़
वाराणसी पुलिस के अभियान में सामने आया कि 60 संदिग्धों में से 41 के पास बीरभूम जिले के पाइकर थाना क्षेत्र से जारी आधार कार्ड हैं। कुछ के पास मुरारई और मोरडी थाना क्षेत्र का पता दर्ज है, जबकि कई के पास कोई दस्तावेज ही नहीं हैं। दस्तावेजों की कमी ने इनके घुसपैठिए होने के शक को और गहरा दिया है। संदिग्धों ने खुद को पाइकर के मड़बोसरी, कलिकापुर, दातुरा, नया ग्राम, मुरारई के मटरा, बलरामपुर और मोरडी के बनरामपुर जैसे गांवों का निवासी बताया है। एक संदिग्ध किशनगंज के बहादुरगंज थाना क्षेत्र से है।
पश्चिम बंगाल से जवाब की उम्मीद धूमिल
वाराणसी पुलिस ने संदिग्धों की सूची पश्चिम बंगाल पुलिस को भेजी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वहां से जांच रिपोर्ट मिलने की संभावना कम है। पिछले दो दशकों में हजारों बांग्लाभाषियों की सूची सत्यापन के लिए भेजी गई, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। एक दशक पहले वाराणसी में 10,000 बांग्लाभाषियों की पहचान की गई थी, लेकिन उनकी सत्यापन रिपोर्ट आज तक नहीं आई।
बीरभूम: सांस्कृतिक गौरव से घुसपैठ का केंद्र
कभी रवींद्रनाथ टैगोर और अमर्त्य सेन जैसे दिग्गजों के लिए मशहूर बीरभूम अब बांग्लादेशी घुसपैठ और गो तस्करी का गढ़ बन चुका है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम, मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण परगना जैसे जिले घुसपैठ का प्रमुख रास्ता बन गए हैं। पद्मा नदी के रास्ते बांग्लादेश से घुसपैठिए मुर्शिदाबाद होते हुए बीरभूम पहुंचते हैं। यहां स्थानीय लोगों की मदद से फर्जी दस्तावेज बनवाकर ये देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल जाते हैं।
गो तस्करी का कुख्यात केंद्र
बीरभूम न केवल घुसपैठ बल्कि गो तस्करी का भी बड़ा केंद्र है। झारखंड और अन्य राज्यों से मवेशियों को यहां लाया जाता है और मालदा, मुर्शिदाबाद के रास्ते बांग्लादेश भेज दिया जाता है। सीबीआई ने गो तस्करी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस रैकेट का खुलासा हुआ।
सत्यापन से ‘अवैध’ की तलाश
वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पुलिस टीम विभिन्न क्षेत्रों में सत्यापन अभियान चला रही है। इसमें फेरीवालों, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों, ठेला-खोमचा लगाने वालों, मसालेदार चाय बेचने वालों और ढाबे पर काम करने वालों का सत्यापन किया जा रहा है। होटल संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे आधार कार्ड की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर और पता रजिस्टर में दर्ज करें। इसके अलावा, सादे वेश में पुलिसकर्मी भी निगरानी रख रहे हैं।
किराएदारों का कराएं सत्यापन
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मकान मालिकों से अपील की गई है कि वे बिना पुलिस सत्यापन के किसी को भी किराये पर मकान न दें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति नजर आता है, तो तुरंत पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। मकान मालिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने किरायेदारों, कर्मचारियों और अन्य बाहरी व्यक्तियों का पुलिस वेरिफिकेशन अवश्य करवाएं। बिना सत्यापन के किसी अनजान व्यक्ति को घर, दुकान या कार्यस्थल पर न ठहरने दें। नागरिकों की पहचान गुप्त रखी जाएगी और किसी भी सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सभी थाना एरिया में पुलिस टीम मुस्तैद है, जो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, फेरी लगाकर सामान बेचने वालों का सत्यापन कर रही है। भवन स्वामियों से अपील की गई है कि रखने से पहले किरायेदार का सत्यापन जरूर कराएं।