नई दिल्ली, 4 मई 2025, रविवार। भारत-पाकिस्तान सीमा, जो हमेशा से ही तनाव और सतर्कता का पर्याय रही है, एक बार फिर सुर्खियों में है। शनिवार, 3 मई को राजस्थान के श्रीगंगानगर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पाकिस्तानी रेंजर को गिरफ्तार किया। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए थे, जिसने भारत-पाक संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर को राजस्थान के रायसिंहनगर क्षेत्र में उस समय पकड़ा गया, जब वह भारत-पाक सीमा पर कंटीले तारों को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहा था। BSF की राजस्थान फ्रंटियर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया। सूत्रों का कहना है कि यह रेंजर संदिग्ध गतिविधियों, संभवतः जासूसी या घुसपैठ की मंशा के साथ सीमा पार करने की कोशिश में था। फिलहाल, BSF अधिकारी उससे गहन पूछताछ कर रहे हैं ताकि उसके इरादों और मिशन का पता लगाया जा सके। इस घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है, और BSF के जवान किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
यह घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक 12 दिन बाद हुई, जिसे भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा है। हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध, अटारी एकीकृत जांच चौकी (ICP) को बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को निलंबित करना शामिल है। इसके अलावा, दोनों देशों के उच्चायोगों में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या में कमी और सीमा पर सैन्य सतर्कता बढ़ाई गई है।
इसी बीच, 23 अप्रैल को एक अन्य घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया, जब पाकिस्तान रेंजर्स ने पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को हिरासत में ले लिया। शॉ, जो 182वीं BSF बटालियन के साथ ‘किसान गार्ड’ के रूप में तैनात थे, गलती से सीमा पार कर गए थे। वह किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात थे और सीमा के पास एक पेड़ के नीचे आराम करने के दौरान पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए, जहां रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया। भारत ने इस मामले में कड़ा विरोध दर्ज किया और सात से अधिक फ्लैग मीटिंग्स आयोजित कीं, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार एक ही जवाब दिया: “हमें उच्च अधिकारियों से निर्देश का इंतजार है।” शॉ की रिहाई अभी तक नहीं हुई है, और उनकी पत्नी रजनी, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा से पठानकोट पहुंची थीं, को BSF ने आश्वासन दिया है कि उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।