वाराणसी, 30 अप्रैल 2025, बुधवार। वाराणसी के रहने वाले सुरेश कुमार ने लखनऊ की नामी रियल एस्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 28.21 लाख रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। सुरेश का दावा है कि साल 2013 में उन्होंने लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी में दो प्लॉट बुक किए थे, लेकिन कंपनी ने न तो उन्हें प्लॉट का कब्जा दिया और न ही उनका पैसा लौटाया। इतना ही नहीं, उनके प्लॉट को किसी और को बेच दिया गया। इस मामले में वाराणसी के लक्सा थाने में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
2013 में शुरू हुई थी कहानी
सुरेश कुमार ने बताया कि साल 2013 में उन्हें लखनऊ में आवासीय भूखंड की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने अंसल प्रॉपर्टी के लखनऊ कार्यालय से संपर्क किया। कंपनी ने उन्हें सुशांत गोल्फ सिटी में दो प्लॉट (नंबर 3804-3-02/019 और 3804-पी-02/12) बुक करने का ऑफर दिया। दोनों प्लॉट के लिए सुरेश ने 26.78 लाख रुपये का भुगतान किया और 30 अगस्त 2013 को उन्हें एलॉटमेंट लेटर भी मिल गया। कंपनी ने वादा किया था कि 2015 तक प्लॉट का कब्जा दे दिया जाएगा।
वादे के बाद सिर्फ निराशा
सुरेश के मुताबिक, कंपनी ने विभिन्न मदों में उनसे कुल 28.21 लाख रुपये वसूल किए, लेकिन 2015 के बाद भी प्लॉट का कब्जा नहीं मिला। सालों तक लखनऊ के चक्कर काटने के बाद उन्हें पता चला कि उनके प्लॉट को किसी और को ऊंची कीमत पर बेच दिया गया है। सुरेश ने आरोप लगाया कि अंसल प्रॉपर्टी के प्रणव अंसल ने उनके पैसे को हड़प लिया और जमीन को दूसरों के हाथों बेच दिया।
बंद हो चुका है कंपनी का कार्यालय
सुरेश का कहना है कि जिस अंसल प्रॉपर्टी के कार्यालय में उन्होंने डील की थी, वह अब बंद हो चुका है। इससे उनके साथ हुई धोखाधड़ी की पुष्टि होती है। हताश होकर सुरेश ने एसीपी दशाश्वमेध को शिकायत पत्र सौंपा, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
पुलिस ने दर्ज की FIR
लक्सा थाने के इंस्पेक्टर दयाराम ने बताया कि सुरेश की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 419 (धोखाधड़ी), 420 (ठगी), 504 (अपमान) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भरोसे का टूटा विश्वास
यह मामला न केवल सुरेश कुमार के साथ हुई धोखाधड़ी को उजागर करता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में भरोसे की कमी को भी दर्शाता है। सुरेश जैसे कई लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत की कमाई लगाते हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं उनके विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं, जो इस मामले में इंसाफ दिलाने की दिशा में अहम कदम हो सकती है।