वाराणसी, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। वाराणसी में एक सनसनीखेज सट्टेबाजी रैकेट ने पुलिस को चौंका दिया। मंगलवार को लंका पुलिस ने IPL के रोमांच को काले धंधे में बदलने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस रैकेट में तीन सगे भाइयों समेत सात शातिर सट्टेबाज पकड़े गए, जो करोड़ों रुपये के दांव के साथ जुए का जाल बुन रहे थे।
खेल में खेल: कैसे चलता था सट्टे का साम्राज्य?
यह गिरोह IPL मैचों को अपनी कमाई का जरिया बना चुका था। खिलाड़ियों के प्रदर्शन, रनों की संख्या से लेकर मैच के नतीजों तक—हर छोटी-बड़ी बात पर लाखों का दांव लगाया जाता था। गोदोलिया के एक मकान से संचालित यह गैंग इतना चालाक था कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोर्चों पर खेल रहा था। ओला ऐप के वेट ग्रुप्स के जरिए सट्टे की आईडी बांटी जाती थीं, और हर सौदे पर 10% तक का मोटा कमीशन वसूला जाता था। लेनदेन का ज्यादातर हिस्सा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हो रहा था, जिससे पुलिस की नजर बचाना आसान हो रहा था।
पुलिस की छापेमारी: बरामद हुआ सट्टे का खजाना
लंका पुलिस की तेज-तर्रार कार्रवाई ने इस काले कारोबार की कमर तोड़ दी। छापेमारी में 10 मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, नोटबुक और करोड़ों के सट्टे का डिजिटल व नकद हिसाब-किताब बरामद हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि यह रैकेट सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं था, बल्कि कई जिलों में इसका जाल फैला हुआ था।
कौन बने शिकार?
पकड़े गए सात आरोपियों में तीन सगे भाई—विश्वजीत सिन्हा, राजेश सिन्हा और दीपू सिन्हा—के अलावा विकास सोनकर, दीपक केशरी, विष्णु और संजय शामिल हैं। ये सभी मिलकर एक सुनियोजित ढंग से सट्टे का धंधा चला रहे थे।
कानून का शिकंजा: अब जेल की सलाखों के पीछे
पुलिस ने सभी सातों आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। मामले की गहन जांच शुरू हो चुकी है, और यह पता लगाया जा रहा है कि इस रैकेट के तार और कितने शहरों से जुड़े हैं। पुलिस का मानना है कि जांच के दौरान और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
काशी की शांति में सट्टे की सनसनी
काशी, जो अपनी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है, वहां इस तरह का काला कारोबार चौंकाने वाला है। यह घटना न सिर्फ खेल की भावना को कलंकित करती है, बल्कि समाज में अवैध गतिविधियों के बढ़ते खतरे की ओर भी इशारा करती है। पुलिस की इस कार्रवाई ने सट्टेबाजों को सख्त संदेश दिया है कि कानून की नजर से कोई नहीं बच सकता।
क्या यह केवल एक रैकेट का अंत है, या अभी और पर्दे उठने बाकी हैं? जांच के नतीजे शायद जल्द ही इस सवाल का जवाब दे दें।