वाराणसी, 28 अप्रैल 2025, सोमवार। बनारस की गलियों में इन दिनों एक अलग ही जोश देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई दिल दहलाने वाली आतंकी घटना के बाद काशी के लोग अपने गुस्से और पहचान को एक अनोखे अंदाज में जाहिर कर रहे हैं। शहर की टैटू दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है, जहां लोग अपने हाथों पर गर्व के साथ ‘हिंदू’ शब्द गुदवा रहे हैं। ये टैटू सिर्फ स्याही और डिजाइन नहीं, बल्कि एक संदेश है – एकजुटता, हिम्मत और आतंक के खिलाफ चुनौती का प्रतीक।
पांडेय घाट पर टैटू आर्टिस्ट केके की दुकान इन दिनों गुलजार है। वे बताते हैं, “रोज 25-30 लोग ‘हिंदू’ लिखवाने आ रहे हैं। हमने इस टैटू पर 50% डिस्काउंट दे रखा है। जहां 1500 रुपये लगते थे, अब सिर्फ 750 रुपये में काम हो रहा है।” केके का कहना है कि उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ये संदेश पहुंचाना है।
वाराणसी के निखिल त्रिपाठी ने गर्व से अपना ताजा गुदा टैटू दिखाते हुए कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा। अब पूछने की जरूरत नहीं। मेरे हाथ पर साफ लिखा है – मैं हिंदू हूं।” वहीं, अंजली का गुस्सा उनकी बातों में साफ झलकता है। वे कहती हैं, “ये टैटू हमारा जवाब है। हम आतंकियों को बता रहे हैं – ‘तुम कितने हिंदू मारोगे, हर घर से हिंदू निकलेगा।’ हम अपनी पहचान छुपाएंगे नहीं, चाहे जान ही क्यों न चली जाए।”
पहलगाम की घटना, जहां AK-47 से लैस आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर 26 लोगों की जान ले ली, ने पूरे देश को झकझोर दिया है। वाराणसी में इस दर्द ने लोगों को एकजुट किया है। टैटू बनवाकर वे न सिर्फ अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं, बल्कि सरकार से भी सवाल पूछ रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने अपनी बात टैटू के जरिए कह दी। अब सरकार बताए, पाक अधिकृत कश्मीर पर कब कार्रवाई होगी?”
काशी की ये ललकार सिर्फ स्याही की लकीरें नहीं, बल्कि एक ऐसी भावना है जो आतंक के खिलाफ डटकर खड़े होने की हिम्मत देती है। ये टैटू न केवल पहचान का प्रतीक हैं, बल्कि उस जज्बे का भी, जो कहता है – हम डरेंगे नहीं, हम झुकेंगे नहीं।