लखनऊ, 26 अप्रैल 2025, शनिवार। लखनऊ की सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक तक, अब अवैध झुग्गियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने रेलवे ट्रैक के किनारे बसी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के लिए रेलवे के मंडल रेल प्रबंधकों को पत्र लिखकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। यह मुद्दा न केवल शहर की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि रेलवे की संपत्ति और नागरिकों के जीवन को खतरे से बचाने का भी सवाल उठाता है।
महापौर ने चिंता जताई है कि गोमतीनगर, विनीत खंड, निशातगंज, विवेकानंद पुरी और डालीगंज जैसे इलाकों में रेलवे ट्रैक के किनारे बसी झुग्गियों में रहने वाले कई लोगों की नागरिकता संदिग्ध है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इनमें रोहिंग्या, बांग्लादेशी और कुछ तथाकथित असमिया शामिल हो सकते हैं। यह पहली बार नहीं है जब यह मुद्दा उठा है। दिसंबर 2024 में भी महापौर ने डीएम और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
महापौर का कहना है कि ये झुग्गियां न केवल रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि शहर की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रही हैं। अतीत में कई बार अराजक तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर लकड़ी, पत्थर और यहां तक कि गैस सिलेंडर रखकर ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिश की है। ऐसे में इन झुग्गियों को हटाना अब समय की मांग बन चुका है।
यह मामला न केवल प्रशासनिक कार्रवाई की जरूरत को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या लखनऊ जैसे शहर में सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी? महापौर की इस पहल से उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि न केवल रेलवे की संपत्ति सुरक्षित रहे, बल्कि शहरवासियों का भरोसा भी कायम रहे।