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Tuesday, June 24, 2025

पहलगाम आतंकी हमले पर काशी में उबाल: सड़कों पर आक्रोश, श्रद्धांजलि के साथ सख्त कार्रवाई की मांग

वाराणसी, 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर गुस्सा और शोक चरम पर है। मंगलवार को हुए इस कायराना हमले ने कश्मीर की वादियों में पर्यटकों की खुशियों को खून से रंग दिया। काशी की सड़कों पर आक्रोश रैलियां, कैंडल मार्च, पुतला दहन और श्रद्धांजलि सभाओं का सिलसिला जारी है। हर कोई इस नृशंस घटना के खिलाफ एकजुट होकर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की मांग कर रहा है।

सड़कों पर उतरा जनसैलाब, आतंकवाद के खिलाफ गूंजा नारा

विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार शाम को एक विशाल आक्रोश रैली निकाली, जिसमें पाकिस्तान का पुतला दहन कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। शिवसेना ने शास्त्री घाट से कचहरी तक कैंडल मार्च निकाला, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। मार्च के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी और आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई। उधर, दालमंडी के लंगड़ा हाफिज मस्जिद में नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय ने भी आतंकवाद के खिलाफ जुलूस निकाला। शकील अहमद ने कहा, “पड़ोसी मुल्क ने हमारे भाई-बहनों को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री मोदी को 2019 जैसी सख्त कार्रवाई कर आतंकियों को सबक सिखाना चाहिए।”

व्यापारियों और वकीलों में गुस्सा, पर्यटन पर संकट

पहलगाम हमले ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग को एक बार फिर झटका दिया है। व्यापारी नेता श्रीनारायण खेमका ने बताया कि वाराणसी में कई व्यापारिक संगठनों ने शोक में अपनी दुकानें बंद रखीं और शोकसभाओं के जरिए मृतकों को श्रद्धांजलि दी। वकील समुदाय भी लगातार प्रदर्शन कर रहा है। वकीलों ने इस हमले को एक बड़ी साजिश करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पहलगाम में धर्म पूछकर गोली मारने की घटना के साथ-साथ बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का आपस में गहरा संबंध हो सकता है।

मौन पदयात्रा और सामूहिक प्रार्थना: काशी की एकजुटता

पहलगाम नरसंहार के विरोध में भारत माता मंदिर से शहीद उद्यान, सिगरा तक एक मौन आक्रोश पदयात्रा निकाली गई, जिसमें 700 से अधिक लोग शामिल हुए। काली पट्टी बांधे, हाथों में तिरंगा थामे और मोबाइल टॉर्च जलाकर लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना के साथ राष्ट्रगान के गायन से पदयात्रा शुरू हुई। शहीद उद्यान पहुंचकर सभी ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया और दो मिनट का मौन रखा।

समाज के हर वर्ग का समर्थन

जय श्री कृष्णा फाउंडेशन के नेतृत्व में इस आंदोलन में काशी के अनेक संगठन एकजुट हुए। अग्रवाल समाज, खत्री समाज, मारवाड़ी समाज, सिंधी समाज, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, भारत विकास परिषद, आर्ट ऑफ लिविंग, श्याम बाल मंडल, वाराणसी उद्योग मंडल, हनुमान प्रभात फेरी समिति, विश्व हिंदू महासंघ, स्वावलंबी महिला व्यापार संगठन और प्राथमिक शिक्षक संघ जैसे संगठनों ने इस दुखद घड़ी में एकजुटता दिखाई।

काशी की मांग: आतंकवाद पर कड़ा प्रहार

पहलगाम की घटना ने काशी के लोगों में गहरी पीड़ा और आक्रोश पैदा किया है। कश्मीर की वादियों में खुशियां तलाशने गए पर्यटकों पर हमला न केवल एक कायराना कृत्य है, बल्कि यह भारत की एकता और शांति पर हमला है। काशी की जनता एक स्वर में मांग कर रही है कि सरकार आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। यह आक्रोश केवल काशी तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बन रहा है।

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