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Monday, June 23, 2025

आजमगढ़ के खराट गांव में 14 संदिग्धों की हिरासत: धार्मिक शिक्षा या कुछ और?

आजमगढ़, 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार। आजमगढ़ के बरदह थाना क्षेत्र के खराट गांव में एक संदिग्ध मामला सामने आया, जहां पुलिस ने 14 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। इनमें 6 पुरुष और 8 महिलाएं शामिल हैं, जो आंध्र प्रदेश से आए हैं। दावा है कि ये लोग मुस्लिम धर्म की शिक्षा और नमाज पढ़ाने के लिए विभिन्न गांवों में भेजे गए हैं। लेकिन स्थानीय लोगों को इनके व्यवहार पर शक हुआ, जिसने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया।

कैसे शुरू हुआ मामला?

पुलिस पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे पहले आजमगढ़, फिर सरायमीर पहुंचे, जहां से उन्हें खराट गांव भेजा गया। ये लोग गांव के उस्मान अली के घर रुके थे और कुछ दिन पहले पास के एक टेंट में रह रहे थे। ग्रामीणों को इनका आना-जाना और व्यवहार संदिग्ध लगा। इसकी जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने बरदह थाना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह और सीओ लालगंज शुभम अग्रवाल ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस बल के साथ खराट गांव पहुंचकर उस्मान अली के घर से इन 14 लोगों को हिरासत में लिया गया। भाजपा बरदह मंडल के पदाधिकारियों ने थाने में तहरीर देकर गहन जांच की मांग की, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ा।

पुलिस की जांच में क्या खुलासा हुआ?

सीओ भूपेंद्र कुमार पांडेय के अनुसार, पूछताछ में इन लोगों ने खुद को शिक्षक बताया। उन्होंने दावा किया कि कोविड काल में दिल्ली के निजामुद्दीन से उन्हें मुस्लिम धर्म की शिक्षा देने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया था। ये लोग मस्जिदों में जाकर धार्मिक शिक्षा देते हैं। पुलिस ने इनके आपराधिक इतिहास की जांच की, लेकिन कोई संदिग्ध रिकॉर्ड नहीं मिला।
फिलहाल, पुलिस ने इन 14 लोगों के खिलाफ प्राप्त आवेदन के आधार पर जांच शुरू कर दी है। सीओ का कहना है कि अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया है। ये लोग शुक्रवार को दूसरे गांव जाने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने इन्हें सख्त निर्देश दिए हैं कि वे कहीं भी जाएं, तो पहले स्थानीय पुलिस को सूचित करें।

आगे क्या?

यह मामला स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक संभावित संदिग्ध स्थिति को नियंत्रण में लाया। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये लोग वाकई धार्मिक शिक्षा के लिए आए थे, या इसके पीछे कोई और मंशा थी? पुलिस की गहन जांच ही इस रहस्य से पर्दा उठाएगी। तब तक, खराट गांव की यह घटना लोगों के बीच कौतूहल और सतर्कता का विषय बनी रहेगी।

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