नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और खुफिया ब्यूरो (IB) के एक अधिकारी भी शामिल थे। लेफ्टिनेंट नरवाल, जो कोच्चि में तैनात थे, अपनी पत्नी पल्लवी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम आए थे। मात्र पांच दिन पहले, 19 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। लेकिन आतंकियों की गोलियों ने उनकी नवविवाहित जिंदगी को तार-तार कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर, जिसमें पल्लवी अपने पति के शव के पास गुमसुम बैठी हैं, ने पूरे देश को भावुक कर दिया है।
एक सप्ताह पहले बंधा था सात जन्मों का बंधन
हरियाणा के मूल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भारतीय नौसेना के एक होनहार अधिकारी थे। उनकी शादी 19 अप्रैल 2025 को पल्लवी के साथ धूमधाम से हुई थी। सात फेरे लेकर दोनों ने एक-दूसरे के साथ जिंदगी भर साथ निभाने की कसम खाई थी। शादी के बाद, नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों का रुख किया। 21 अप्रैल को वे श्रीनगर पहुंचे और अगले दिन पहलगाम घूमने गए। पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ‘मिनी स्विटजरलैंड’ के नाम से मशहूर है, उनके लिए जीवन का सबसे खूबसूरत पल बनने वाला था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
आतंकी हमले ने छीनी जिंदगी
मंगलवार दोपहर, जब विनय और पल्लवी पहलगाम की वादियों में एक-दूसरे के साथ समय बिता रहे थे, आतंकवादियों ने अचानक हमला बोल दिया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 50 से अधिक राउंड फायर किए गए। हमले में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और IB के एक अधिकारी सहित 40 लोग मारे गए। पल्लवी इस हमले में सुरक्षित रहीं, लेकिन उनके सामने ही उनके पति की जान चली गई।
घटना के बाद, एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें पल्लवी अपने पति के शव के पास बैठी हैं, उनके चेहरे पर गहरा दुख और अविश्वास साफ झलक रहा है। यह तस्वीर न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी को दर्शाती है, बल्कि आतंकवाद की क्रूरता को भी उजागर करती है, जो मासूम जिंदगियों को छीन लेता है।
देश की सेवा में समर्पित था विनय का जीवन
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल एक कर्तव्यनिष्ठ और देशभक्त अधिकारी थे। कोच्चि में भारतीय नौसेना में तैनात विनय ने अपनी मेहनत और लगन से कम उम्र में ही सम्मान अर्जित किया था। हरियाणा के एक साधारण परिवार से आने वाले विनय ने अपनी पढ़ाई और प्रशिक्षण के दम पर नौसेना में अपनी जगह बनाई थी। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गहरा आघात पहुंचाया है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने विनय को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “एक हफ्ते पहले शादी, सात जन्मों का वादा, और अब सिर्फ सात दिन में सब खत्म। विनय नरवाल, आपकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा।” कई लोगों ने पल्लवी के प्रति संवेदना व्यक्त की, जो इस असहनीय दुख को सह रही हैं।
आतंकवाद की क्रूरता और देश का संकल्प
पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी घटना मानी जा रही है। इस हमले में मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक (यूएई और नेपाल से) और कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के पर्यटक शामिल थे। हमले की गूंज अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सुनाई दी, और संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, सऊदी अरब सहित कई देशों ने इसकी कड़ी निंदा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय सऊदी अरब की राजकीय यात्रा पर थे, ने तुरंत अपनी यात्रा छोटी कर बुधवार सुबह भारत लौटने का फैसला किया। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। पीएम मोदी ने X पर लिखा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला जघन्य और निंदनीय है। इस कायराना कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। शहीदों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत श्रीनगर पहुंचे और उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे “हाल के वर्षों में सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक” करार दिया।
पल्लवी की त्रासदी, देश का दर्द
पल्लवी की वह तस्वीर, जिसमें वे अपने पति के शव के पास बैठी हैं, हर भारतीय के दिल को छू गई। सात दिन पहले जिस जोड़े ने सात जन्मों का वादा किया था, वह आज इस क्रूर दुनिया में अकेला छोड़ दिया गया। पल्लवी की खामोशी और उनके आंसुओं ने आतंकवाद की उस अमानवीयता को उजागर किया, जो न तो प्यार को समझता है, न ही सपनों को।
यह तस्वीर केवल एक व्यक्तिगत नुकसान की कहानी नहीं है, बल्कि उस बलिदान की याद दिलाती है, जो हमारे सैनिक और उनके परिवार देश के लिए देते हैं। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने एक बार फिर यह साबित किया कि हमारे सैनिक न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि अपनी निजी जिंदगी में भी देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।
आगे की राह
पहलगाम हमला एक बार फिर कश्मीर घाटी में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर करता है। यह घटना उस समय हुई, जब अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में पर्यटन और विकास की नई उम्मीदें जगी थीं। सरकार ने इस हमले के बाद कड़े कदम उठाने का वादा किया है। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, और केंद्र सरकार ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की बात कही है।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और अन्य शहीदों की याद में देश एकजुट है। उनकी शहादत हमें आतंकवाद के खिलाफ और मजबूती से लड़ने की प्रेरणा देती है। पल्लवी और अन्य प्रभावित परिवारों के लिए यह समय बेहद कठिन है, लेकिन पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
देश के लिए कुर्बान, आतंकवाद के खिलाफ भारत की बुलंद आवाज
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत और पल्लवी का दर्द भारत के लिए एक गहरी चोट है। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद कितना क्रूर और अमानवीय हो सकता है। लेकिन यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि भारत का सैनिक और उसका परिवार हर मुश्किल में देश के लिए बलिदान देने को तैयार रहता है। विनय की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। यह देश आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगा, ताकि भविष्य में कोई और पल्लवी को अपने सपनों को इस तरह टूटते न देखना पड़े। विनय नरवाल, आपकी शहादत को नमन, और पल्लवी, आपकी हिम्मत को सलाम।