नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025, मंगलवार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने न केवल देश को स्तब्ध कर दिया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत के दृढ़ संकल्प को उजागर किया। इस हमले के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही समाप्त करने का अभूतपूर्व फैसला लिया। सऊदी अरब द्वारा आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में भाग न लेते हुए, पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को स्पष्ट कर दिया। भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, वह आज रात ही भारत के लिए रवाना होंगे और बुधवार सुबह जल्दी नई दिल्ली पहुंचेंगे, जबकि पहले उनका बुधवार रात को लौटने का कार्यक्रम था।
पहलगाम में आतंक का कहर
पहलगाम की बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे आतंकियों के निशाने पर आई। आतंकवादी संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट), जो लश्कर-ए-तैयबा का एक स्थानीय सहयोगी माना जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। हमले में करीब 40 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और 20 से अधिक घायल हुए। मृतकों में कर्नाटक के शिवमोगा निवासी मंजूनाथ राव भी शामिल थे, जिनकी पत्नी पल्लवी ने आतंकियों के सामने अपनी जान की भीख मांगी, लेकिन आतंकियों ने क्रूरता से जवाब दिया, “जाओ मोदी को बता दो।”
यह हमला अमरनाथ यात्रा शुरू होने से कुछ महीने पहले हुआ, जो पहलगाम मार्ग से होकर गुजरती है। इसने कश्मीर में पर्यटन की बढ़ती रौनक पर गहरा आघात किया है, जो हाल के वर्षों में शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहा था।
पीएम मोदी का त्वरित और कड़ा फैसला
सऊदी अरब में अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए पीएम मोदी को जैसे ही इस हमले की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की। उन्होंने शाह को तत्काल श्रीनगर जाने और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया। इसके बाद, पीएम ने सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान द्वारा आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में शामिल होने से इनकार कर दिया और अपनी यात्रा को छोटा करने का फैसला किया। यह कदम न केवल भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा को सर्वोपरि मानता है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर हमले की निंदा करते हुए लिखा, “पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकी हमला अक्षम्य है। इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भारत का आतंकवाद से लड़ने का संकल्प अटल है।” उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
सऊदी यात्रा का महत्व और उसका स्थगन
पीएम मोदी की सऊदी अरब यात्रा का उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना था। इस दौरान छह से अधिक समझौता पत्रों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने थे, जो रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए थे। सऊदी अरब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है और वहां 35 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं। इस यात्रा को दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा था।
हालांकि, पहलगाम हमले ने पीएम मोदी को यह कठिन लेकिन जरूरी फैसला लेने के लिए मजबूर किया। सऊदी अरब ने भी इस फैसले का सम्मान किया, और सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच बातचीत जल्द ही फिर से शुरू होगी। सऊदी वायुसेना के F15 लड़ाकू विमानों ने पीएम मोदी के विमान को सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते समय विशेष सम्मान के साथ एस्कॉर्ट किया था, जो दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक था।
भारत का जवाब: सुरक्षा और कूटनीति का दोहरा मोर्चा
हमले के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें खुफिया ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका, गृह सचिव गोविंद मोहन, सीआरपीएफ प्रमुख ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात शामिल हुए। शाह श्रीनगर पहुंचकर सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक और समीक्षा बैठक करेंगे। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमलावर शायद किश्तवाड़ से कोकेरनाग होते हुए बैसरन पहुंचे, जिससे घुसपैठ के नए रास्तों पर चिंता बढ़ गई है।
कूटनीतिक मोर्चे पर, भारत ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का फैसला किया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो इस समय भारत की यात्रा पर हैं, ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।” रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी शोक व्यक्त करते हुए इसे “नृशंस अपराध” करार दिया।
स्थानीय लोगों की मानवता और पर्यटन पर असर
इस त्रासदी के बीच, पहलगाम के स्थानीय लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की। कई घायलों को स्थानीय लोग अपने खच्चरों पर लादकर अस्पताल ले गए, और कुछ ने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
हालांकि, यह हमला कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता इमरान नबी डार ने इसे “कश्मीर के पर्यटन के लिए काला दिन” करार दिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “यह हमला हमारे मेहमानों पर हमला है। यह अमानवीय है।”
आतंक के खिलाफ भारत का संकल्प
पहलगाम हमला भारत के लिए एक दुखद अनुस्मारक है कि आतंकवाद की चुनौती अभी बाकी है। पीएम मोदी का सऊदी यात्रा रद्द करना और तत्काल भारत लौटना इस बात का प्रतीक है कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। यह फैसला आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भारत न तो झुकेगा, न ही रुकेगा।
मंजूनाथ जैसे निर्दोष लोगों की जान की कीमत पर आतंकियों को कोई संदेश नहीं देना चाहिए। उनकी याद में, भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि कश्मीर की वादियां फिर से शांति, सुंदरता और मेहमाननवाजी का पर्याय बनें। पीएम मोदी का यह कदम उस संकल्प की पहली कड़ी है।