वाराणसी, 22 अप्रैल 2025, मंगलवार। काशी की पावन धरती पर प्रशासनिक गलियारों में हलचल मची है। वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) रहे एस. राजलिंगम को अब मंडलायुक्त की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह दूसरा मौका है जब काशी के वर्तमान डीएम को कमिश्नर बनाया गया, जो अपने आप में एक खास उपलब्धि है। वहीं, कौशल राज शर्मा, जो अब तक कमिश्नर थे, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव के रूप में नई पारी शुरू करेंगे। जिले के नए डीएम के तौर पर सत्येंद्र कुमार को नियुक्त किया गया है।

एस. राजलिंगम: अनुभव का खजाना, नई जिम्मेदारी
2009 बैच के आईएएस अधिकारी एस. राजलिंगम का प्रशासनिक करियर शानदार रहा है। औरेया से शुरूआत करते हुए सुल्तानपुर, अयोध्या, सोनभद्र, कुशीनगर जैसे जिलों में डीएम के रूप में अपनी छाप छोड़ी। कई मंत्रालयों में सचिव के तौर पर भी उन्होंने अपनी कुशलता साबित की। वाराणसी में डीएम के रूप में उनके कार्यकाल को उनकी कर्मठता और जनसेवा के लिए सराहा गया। अब कमिश्नर के रूप में, काशी के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद उनसे की जा रही है।

कौशल राज शर्मा: काशी से सीएम कार्यालय तक
कौशल राज शर्मा, जिन्हें 2019 से वाराणसी में उनके प्रभावी कार्यकाल के लिए जाना जाता है, अब लखनऊ में मुख्यमंत्री के सचिव की भूमिका निभाएंगे। 2 नवंबर 2019 को काशी के डीएम बने कौशल राज को 2022 में कमिश्नर के रूप में प्रमोशन मिला। उस समय उनका प्रयागराज तबादला चर्चा में रहा, जब पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद 24 घंटे में इसे रद्द कर उन्हें काशी में ही कमिश्नर बनाया गया। प्रधानमंत्री के पसंदीदा अधिकारियों में शुमार कौशल राज का लंबा कार्यकाल काशी के लिए यादगार रहा।

सत्येंद्र कुमार: वाराणसी के नए डीएम
2013 बैच के आईएएस सत्येंद्र कुमार अब वाराणसी के नए जिलाधिकारी होंगे। बिहार के मधुबनी जिले से ताल्लुक रखने वाले सत्येंद्र कुमार इससे पहले मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के रूप में कार्यरत थे। उनकी नियुक्ति से काशी के प्रशासन में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण की उम्मीद की जा रही है।
काशी में बदलाव की बयार
यह प्रशासनिक फेरबदल वाराणसी के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है। अनुभवी राजलिंगम के नेतृत्व में मंडलायुक्त के रूप में और सत्येंद्र कुमार के डीएम के रूप में ताजा जोश के साथ, काशी का विकास और तेज होने की उम्मीद है। दूसरी ओर, कौशल राज शर्मा की नई भूमिका भी प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करेगी। काशी, जो आस्था और संस्कृति का केंद्र है, इन बदलावों के साथ अपने गौरव को और निखारेगी।