मेरठ, 19 अप्रैल 2025, शनिवार। मेरठ, उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह हैरान करने वाली है। टीपी नगर बाईपास पर ड्यूटी कर रहे एक ट्रैफिक होमगार्ड पर हुए जानलेवा चाकू हमले ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। इस दिल दहलाने वाली घटना में नशे में धुत आरोपी रवि गुप्ता ने होमगार्ड शिवकुमार पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला किया, जिससे उनकी जान पर बन आई। लेकिन साहसी राहगीरों की तत्परता और पुलिस की तेज कार्रवाई ने इस घटना को और भयावह होने से रोक लिया।
घटना का भयावह मंजर
18 अप्रैल 2025 की रात, मेरठ के टीपी नगर बाईपास पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब नशे की हालत में रवि गुप्ता ने ट्रैफिक होमगार्ड शिवकुमार पर चाकू से हमला बोल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रवि ने पहले होमगार्ड को धमकाया, लेकिन जब शिवकुमार ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए उसे रोका, तो रवि ने चाकू निकालकर उन पर ताबड़तोड़ वार शुरू कर दिए। होमगार्ड के चेहरे, कमर, और पीठ पर चाकू के गहरे घाव लगे, जिससे वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़े। उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर पर डेढ़ दर्जन से अधिक टांके लगाए गए। शिवकुमार की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है, और वह जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
राहगीरों का साहस और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही यह खौफनाक हमला शुरू हुआ, सड़क पर मौजूद राहगीरों ने हिम्मत दिखाई। भीड़ ने मिलकर रवि गुप्ता को दबोच लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। मेरठ पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि रवि गुप्ता के खिलाफ हत्या के प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा, और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि रवि पहले भी शिवकुमार पर हमला कर चुका है, लेकिन उस समय समझौते के चलते मामला आगे नहीं बढ़ा था। इस बार, हालांकि, पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रवि गुप्ता का आपराधिक इतिहास रहा है। वह नशे का आदी है और पहले भी कई बार हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है। होमगार्ड शिवकुमार के साथ उसकी पुरानी रंजिश थी, जिसका बदला लेने के लिए उसने इस बार इतना बड़ा कदम उठाया। यह घटना न केवल मेरठ की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि उन लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है, जो दिन-रात शहर की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मेहनत करते हैं।
सुरक्षा और जागरूकता की जरूरत
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या हमारे शहर उन लोगों के लिए सुरक्षित हैं, जो हमारी सुरक्षा के लिए तैनात हैं? ट्रैफिक होमगार्ड जैसे कर्मचारी, जो सड़कों पर दिन-रात ड्यूटी करते हैं, अक्सर हिंसक घटनाओं का शिकार बन जाते हैं। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने कई चुनौतियां खड़ी की हैं। क्या ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को और बेहतर सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है? क्या नशे और अपराध पर और सख्ती से लगाम कसने की आवश्यकता है?
नागरिकों की भूमिका
इस घटना में राहगीरों की भूमिका सराहनीय रही। उनकी हिम्मत ने न केवल होमगार्ड की जान बचाने में मदद की, बल्कि एक खतरनाक अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी योगदान दिया। यह दिखाता है कि अगर नागरिक और पुलिस मिलकर काम करें, तो अपराध को रोकने में बड़ी सफलता मिल सकती है।
आगे की राह
मेरठ पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करके एक सकारात्मक संदेश दिया है, लेकिन यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है। शिवकुमार जैसे कर्मचारियों के बलिदान और साहस को सम्मान देने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। रवि गुप्ता जैसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हिंसा की हिम्मत न कर सके।