N/A
Total Visitor
33.4 C
Delhi
Saturday, June 28, 2025

गुना में हनुमान जयंती पर पथराव: एक चिंताजनक घटना, असली कसूरवार कौन ?

गुना 13 अप्रैल 2025, रविवार। मध्य प्रदेश का गुना जिला, जो अपनी शांति और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण सुर्खियों में आया। 12 अप्रैल 2025 को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए एक धार्मिक जुलूस के दौरान कर्नलगंज क्षेत्र में पथराव की घटना ने न केवल स्थानीय माहौल को तनावपूर्ण किया, बल्कि सामाजिक सौहार्द पर भी सवाल उठाए। यह घटना न सिर्फ गुना, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि कैसे छोटी-सी असावधानी बड़े विवाद का रूप ले सकती है। आइए, इस घटना के विभिन्न पहलुओं को समझते हैं और इसके पीछे के कारणों पर प्रकाश डालते हैं।

घटना का विवरण

हनुमान जयंती के पावन अवसर पर गुना में हिंदू समुदाय द्वारा एक शोभायात्रा निकाली जा रही थी। यह जुलूस शाह के कोल्हू पुरा से शुरू होकर रपटा और हाट रोड की ओर बढ़ रहा था। शाम करीब 7:30 बजे, जब जुलूस कर्नलगंज स्थित मदीना मस्जिद के पास पहुंचा, वहां मौजूद कुछ लोगों के बीच कहासुनी शुरू हुई। बताया जाता है कि जुलूस में डीजे पर तेज संगीत और नारेबाजी को लेकर विवाद हुआ। देखते ही देखते यह तकरार पथराव में बदल गई। एक पक्ष से पत्थर फेंके गए, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग घायल हुए, और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आए। गुना के कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल और पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे। भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चौराहे पर चक्काजाम कर पथराव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। देर रात तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन प्रशासन के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी विक्की खान सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश कुशवाह उर्फ गब्बर कुशवाह की शिकायत पर ताजिया कमेटी के अध्यक्ष यूसुफ खान और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और क्षेत्र में शांति बहाल हो चुकी है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। हालांकि, यह भी सामने आया कि जुलूस को प्रशासनिक अनुमति नहीं मिली थी, जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

गुना जैसे छोटे शहर में ऐसी घटनाएं न केवल स्थानीय समुदायों के बीच तनाव पैदा करती हैं, बल्कि सामाजिक एकता को भी प्रभावित करती हैं। हनुमान जयंती, जो भक्ति और उत्साह का प्रतीक है, ऐसी घटनाओं के कारण विवाद का विषय बन जाना दुखद है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि धार्मिक आयोजनों को कैसे संवेदनशीलता के साथ आयोजित किया जाए, ताकि किसी की भावनाएं आहत न हों। कर्नलगंज क्षेत्र पहले से ही संवेदनशील माना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, मस्जिद के पास पहले भी विवाद हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन और समुदाय के नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे संवाद के माध्यम से ऐसी घटनाओं को रोकें।

आगे की राह

इस घटना से कई सबक मिलते हैं। पहला, धार्मिक जुलूसों के लिए प्रशासनिक अनुमति और स्पष्ट दिशा-निर्देश अनिवार्य होने चाहिए। दूसरा, समुदायों के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देना जरूरी है। तीसरा, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और अफवाहें स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं, इसलिए जिम्मेदार व्यवहार जरूरी है। गुना प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने में सराहनीय कार्य किया, लेकिन अब जरूरत है दीर्घकालिक उपायों की। सामुदायिक बैठकों, जागरूकता अभियानों और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

गुना में हनुमान जयंती पर पथराव: एकता की अपील के बीच सियासी तनाव

गुना में हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव की घटना एक दुखद अध्याय है, जो हमें सामाजिक सौहार्द और संवेदनशीलता की महत्ता याद दिलाता है। यह समय है कि हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि धार्मिक उत्सव खुशी और एकता का माध्यम बनें, न कि विवाद का। गुना के लोग, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हैं, निश्चित रूप से इस घटना को पीछे छोड़कर शांति और भाईचारे की मिसाल कायम करेंगे।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »