वाराणसी, 12 अप्रैल 2025, शनिवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे। यह पीएम का वाराणसी का 50वां दौरा था। इस मौके पर वह 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पीएम ने वाराणसी दौरे के दौरान एयरपोर्ट पर उतरते ही सबसे पहले शहर में हाल ही में घटी एक दिल दहलाने वाली घटना वाराणसी गैंगरेप केस की जानकारी ली। उन्होंने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा और कलेक्टर एस राजलिंगम से इस मामले की पूरी जानकारी लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। यह घटना न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाली है। आइए, इस मामले के पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
घटना की शुरुआत: एक सामान्य दिन से शुरू हुआ दर्दनाक सफर
29 मार्च 2025 को वाराणसी के पांडेयपुर इलाके की एक 19 वर्षीय युवती अपनी सहेली से मिलने निकली थी। वह एक स्नातक छात्रा थी और स्पोर्ट्स कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रही थी। उस दिन वह सामान्य रूप से अपने घर से निकली, लेकिन जो हुआ, वह किसी के लिए भी कल्पना से परे था। रास्ते में उसे राज विश्वकर्मा नाम का एक परिचित युवक मिला, जो उसे लंका इलाके के एक कैफे में ले गया। यहीं से उसकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक अध्याय शुरू हुआ।
कैफे में राज विश्वकर्मा ने कथित तौर पर युवती के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह उसे कई अन्य लोगों के हवाले करता रहा। अगले छह दिनों तक 29 मार्च से 4 अप्रैल तक युवती को शहर के अलग-अलग हिस्सों में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस के अनुसार, इस दौरान उसे नशीले पदार्थ दिए गए और उसे होटल, कैफे, गोदाम और यहां तक कि चलती कार में भी हैवानियत का शिकार बनाया गया।
छह दिन, 23 आरोपी और एक टूटी हुई जिंदगी
युवती की मां की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर के अनुसार, इस मामले में कुल 23 लोग शामिल थे, जिनमें 12 नामजद और 11 अज्ञात हैं। नामजद आरोपियों में राज विश्वकर्मा, समीर, आयुष धूसिया, सोहेल, दानिश, अनमोल गुप्ता, साजिद, जाहिर, इमरान, जैब, अमन और राज खान शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला कि युवती को शहर के व्यस्त इलाकों में ले जाया गया, जहां उसे ड्रग्स देकर नशे की हालत में रखा गया।
घटना का विवरण रोंगटे खड़े करने वाला है। 30 मार्च को समीर और उसके दोस्त ने युवती को हाईवे पर ले जाकर दुष्कर्म किया। 31 मार्च को आयुष, सोहेल, दानिश, अनमोल, साजिद और जाहिद ने उसका शोषण किया। 1 अप्रैल को साजिद और उसके दोस्तों ने उसे होटल में ले जाकर हैवानियत की। 2 अप्रैल को राज खान ने उसे अपने घर की छत पर ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाया, हालांकि उसने दुष्कर्म का प्रयास छोड़ दिया। 3 अप्रैल को दानिश और शोएब ने फिर से उसका शोषण किया। इस दौरान युवती दो बार अपनी सहेली के घर पहुंची, लेकिन वहां से भी उसे उठा लिया गया।
4 अप्रैल को युवती बदहवास हालत में अपने घर पहुंची और अपनी मां को आपबीती सुनाई। मां ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और 6 अप्रैल को लालपुर-पांडेयपुर थाने में 23 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
अनमोल गुप्ता: ठेले से सेक्स रैकेट तक का सफर
इस मामले का मास्टरमाइंड अनमोल गुप्ता बताया जा रहा है, जिसकी कहानी भी कम चौंकाने वाली नहीं है। अनमोल ने 2018 में सिगरा इलाके में चाऊमीन का ठेला लगाने से अपने करियर की शुरुआत की थी। 2020 में उसने सोनिया पोखरा के पास एक छोटी दुकान किराए पर ली, जहां वह बर्गर, चाऊमीन और फास्ट फूड बेचने लगा। धीरे-धीरे उसने कैफे खोला और एक सेक्स रैकेट का संचालन शुरू किया। पुलिस के अनुसार, अनमोल 20-25 साल के युवाओं को अपने कैफे में नशे और पैसों के लालच में फंसाता था। ये युवा लड़कियों को कैफे तक लाते थे, जहां उन्हें नशीले पदार्थ देकर उनका शोषण किया जाता था। इस मामले में भी युवती को नशा देकर उसका वीडियो बनाया गया और ब्लैकमेलिंग की गई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राज विश्वकर्मा, आयुष धूसिया, साजिद, सुहेल शेख, दानिश अली, इमरान अहमद, शब्बीर आलम, सोहेल खान और अनमोल गुप्ता शामिल हैं। सभी आरोपियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया, जिसमें उनके ब्लड सैंपल, स्किन सैंपल, नाखून और अन्य नमूने लिए गए। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। सहायक पुलिस आयुक्त विदुष सक्सेना ने बताया कि पीड़िता की स्थिति स्थिर है और पुलिस उसके परिवार के संपर्क में है।
प्रधानमंत्री का सख्त रुख: “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया। वाराणसी पहुंचते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर अधिकारियों से मुलाकात की और इस मामले की पूरी जानकारी मांगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक व्यवस्था करने की बात कही। पीएम का यह रुख न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए एक संदेश है, बल्कि समाज को भी यह बताता है कि ऐसी घटनाओं के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाएगी।
समाज और प्रशासन के सामने सवाल
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। वाराणसी जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर में इतनी भयावह घटना कैसे हो सकती है? क्या पुलिस और प्रशासन की निगरानी में कमी थी? क्या समाज में नैतिकता और संवेदनशीलता की कमी हो रही है? यह भी विचारणीय है कि पीड़िता छह दिन तक शहर में भटकती रही, लेकिन उसे कोई मदद क्यों नहीं मिली? इन सवालों के जवाब तलाशने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इंसाफ की उम्मीद
वाराणसी गैंगरेप केस ने इंसानियत को शर्मसार किया है, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रधानमंत्री के सख्त रुख ने पीड़िता और उसके परिवार को इंसाफ की उम्मीद दी है। यह समाज के लिए भी एक जागने का मौका है कि हम अपने आसपास की महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति कितने जागरूक हैं। इस घटना को भूलने के बजाय, हमें इससे सबक लेना होगा और एक सुरक्षित, संवेदनशील समाज के निर्माण के लिए कदम उठाने होंगे।