वाराणसी, 11 अप्रैल 2025, शुक्रवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी दौरा एक बार फिर बाबा विश्वनाथ की नगरी को सुर्खियों में ले आया। इस बार वाराणसी की धरती न केवल ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंजी, बल्कि विकास की नई इबारत भी लिखी गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें एक अनूठा तोहफा भेंट किया, जिसने सभी का ध्यान खींचा। यह तोहफा था एक खास कमल के फूल वाला गिफ्ट, जिसे घुमाने पर कमल की आकृति उभर आती थी। मंच पर ही पीएम ने इसे खोलकर देखा और उनकी मुस्कान ने इस उपहार के प्रति उनके उत्साह को जाहिर कर दिया। दोनों नेताओं के बीच इस पल की गर्मजोशी ने समारोह में एक खास रंग भर दिया।
काशी का कायाकल्प: 11 सालों की विकास यात्रा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में काशी के बदलाव की कहानी को बयां किया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में काशी ने एक नया मुकाम हासिल किया है। वह काशी, जो कभी अपनी संकरी गलियों और जाम के लिए जानी जाती थी, आज शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रही है। योगी ने बताया कि काशी में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं आईं, जिन्होंने इस प्राचीन नगरी को आधुनिकता का नया रंग दिया है।
इस बार के दौरे में पीएम मोदी ने 3884.18 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं ने काशी को विकास के पथ पर और तेजी से आगे बढ़ाने का वादा किया है। योगी ने गर्व से बताया कि काशी और आसपास के जिलों को सबसे ज्यादा जीआई टैग मिले हैं, जिसने उत्तर प्रदेश को इस मामले में देश में अव्वल बनाया है।
महाकुंभ और काशी की आध्यात्मिक महिमा
हाल ही में संपन्न महाकुंभ के दौरान काशी ने देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचा। योगी ने कहा कि 45 दिनों के इस आयोजन में तीन करोड़ से अधिक भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। नमामि गंगे परियोजना की सफलता ने इस महाकुंभ को और भी भव्य बनाया। स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति पीएम के निर्देशों का पालन करते हुए काशी ने एक नया मानक स्थापित किया। योगी ने इसके लिए पीएम मोदी के प्रति हृदय से आभार जताया।
पीएम का काशी प्रेम: “काशी हमार हौ, हम काशी क हईं।”
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने काशीवासियों से अपने दिल के रिश्ते को कुछ यूं बयां किया, “काशी हमार हौ, हम काशी क हईं।” उन्होंने कहा कि बीते 10 सालों में काशी ने विरासत को संजोते हुए आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाए हैं। हनुमान जन्मोत्सव से ठीक पहले काशी में जनता के बीच होने का सौभाग्य उन्हें मिला, और यह उनके लिए किसी उत्सव से कम नहीं था। पीएम ने कहा कि काशी की जनता का प्रेम और आशीर्वाद उन्हें हमेशा कर्जदार बनाता है। संकटमोचन हनुमान के दर्शन का जिक्र करते हुए उनकी बातों में काशी के प्रति गहरा लगाव झलक रहा था।
काशी का भविष्य: विकास और संस्कृति का समन्वय
यह दौरा केवल परियोजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास तक सीमित नहीं था। यह काशी की उस यात्रा का प्रतीक था, जो आध्यात्मिकता और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रही है। पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में काशी आज न केवल भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में चमक रही है, बल्कि एक ऐसी नगरी के रूप में भी उभर रही है, जो दुनिया को विकास का नया मॉडल दिखा रही है।
काशी की गलियों में अब भी बाबा विश्वनाथ की भक्ति गूंजती है, लेकिन इन गलियों के साथ-साथ अब चौड़ी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी और स्वच्छ गंगा का प्रवाह भी है। यह नई काशी हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है।