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Saturday, April 19, 2025

पटना में राहुल गांधी का दमदार संबोधन: जातीय जनगणना को बताया क्रांति, बिहार में कांग्रेस की नई शुरुआत का ऐलान

पटना, 7 अप्रैल 2025, सोमवार। बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा सम्मेलन में एक जोरदार भाषण देकर सियासी माहौल को गर्म कर दिया। अपने संबोधन में राहुल ने जातीय समीकरणों को साधते हुए जाति जनगणना को देश के लिए क्रांतिकारी कदम करार दिया और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की आक्रामक रणनीति और गरीब-कमजोर वर्गों को जोड़ने की उनकी प्रतिबद्धता इस मंच से साफ झलकी।

जाति जनगणना रोकने की ताकत अब किसी में नहीं

राहुल गांधी ने कहा, “इस देश में अगर आप सवर्ण नहीं हैं, तो आप दोयम दर्जे के नागरिक हैं। अगर आप दलित, पिछड़ा, अति दलित, आदिवासी या महिला हैं और अपर क्लास से ताल्लुक नहीं रखते, तो सिस्टम आपको पीछे ही रखता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बात वह हल्के में नहीं, बल्कि गहरे अध्ययन और सिस्टम की समझ के बाद कह रहे हैं। राहुल ने जाति जनगणना को एक ऐसा हथियार बताया, जो इस देश की सच्चाई को उजागर कर देगा। उन्होंने दावा किया, “दुनिया की कोई ताकत अब इसे रोक नहीं सकती। आरएसएस और भाजपा इसे दबाना चाहते हैं, क्योंकि यह उनकी सच्चाई सामने लाएगी।”

तेलंगाना का उदाहरण: डेटा जो बदल देगा खेल

तेलंगाना का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि वहां जाति जनगणना के बाद जो डेटा सामने आया, वह हैरान करने वाला है। “हमारे पास ऐसा सामाजिक डेटा है, जो आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। बैंकों से लोन लेने वालों या बड़ी कंपनियों के मालिकों की लिस्ट देखिए—कोई दलित, ओबीसी, ईबीसी या आदिवासी नहीं मिलेगा। लेकिन मजदूरों और गिग वर्कर्स की सूची में 90-95% यही लोग हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “यह डेटा मोदी जी आपके हाथ में नहीं देना चाहते, लेकिन हमने इसे हासिल कर लिया और तेलंगाना में आरक्षण बढ़ा दिया।”

राहुल ने लोकसभा में पीएम मोदी को दी अपनी चुनौती को दोहराया। “मैंने कहा था कि 50% आरक्षण की यह नकली दीवार आप नहीं तोड़ेंगे, तो हम इसे तोड़कर फेंक देंगे। दलित, आदिवासी, ओबीसी और ईबीसी को पता चलना चाहिए कि इस देश को 5% लोग कैसे चला रहे हैं।”

बिहार में कांग्रेस की नई पारी

बिहार में कांग्रेस की जिम्मेदारी पर खुलकर बोलते हुए राहुल ने कहा, “हमने जो गलतियां कीं, उनसे सीखा है। गरीब, कमजोर, ईबीसी, ओबीसी, दलित, महादलित और गरीब सवर्ण—इन सबको जोड़कर, सम्मान देकर हम आगे बढ़ेंगे। मैं पहला आदमी हूं जो कहेगा कि बिहार में कांग्रेस ने उतनी मजबूती से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था। लेकिन अब हम पूरी ताकत के साथ बिहार के कमजोर वर्गों के लिए लड़ेंगे।”

चुनावी साल में आक्रामक कांग्रेस

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और कांग्रेस इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। कन्हैया कुमार के नेतृत्व में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के जरिए पार्टी जनता के बीच पहुंच रही है। सोमवार को राहुल गांधी बेगूसराय में इस यात्रा में शामिल हुए और फिर पटना पहुंचकर संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित किया। उनका यह दौरा और भाषण बिहार में कांग्रेस की नई शुरुआत का संकेत दे रहा है।

भविष्य का वादा

राहुल गांधी का यह संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि एक सियासी संदेश था—जाति जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अब पीछे नहीं हटेगी। बिहार के चुनावी रण में उनकी यह आक्रामकता और गरीब-कमजोर वर्गों को साथ जोड़ने का वादा आने वाले दिनों में कितना रंग लाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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