✍️ विकास यादव
वाराणसी, 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार। वाराणसी की सर्द रात में एक खुशहाल परिवार की जिंदगी अचानक मातम में बदल गई। एक छोटी सी बात, एक मामूली झगड़ा और फिर एक ऐसा कदम, जिसने सब कुछ खत्म कर दिया। गुरुवार की रात शिवपुर के भरलाइ क्षेत्र में रहने वाली ज्योति सिंह ने अपने घर में दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वजह? उनके पति का मोबाइल गेम खेलना, जिसने ज्योति को इस कदर नाराज कर दिया कि वह अपनी जिंदगी ही खत्म करने पर उतारू हो गईं।
दो दिन पहले थी जश्न की खुशियां
ज्योति एक स्कूल टीचर थीं। केंद्रीय विद्यालय आयर में संविदा पर पढ़ाती थीं। उनकी शादी 2019 में रोहित सिंह से हुई थी, जो एक टाइल्स कंपनी में सेल्स मैनेजर हैं। दोनों का चार साल का बेटा राघव है। महज दो दिन पहले, 1 अप्रैल को ज्योति ने अपने बेटे का जन्मदिन धूमधाम से मनाया था। घर में मेहमान आए, पार्टी हुई, हंसी-खुशी का माहौल था। 2 अप्रैल को वह पति के साथ अपनी भतीजी के जन्मदिन में शामिल हुईं। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन किसे पता था कि ये खुशियां बस कुछ पलों की मेहमान थीं।
मोबाइल गेम बना झगड़े की जड़
गुरुवार शाम को ज्योति स्कूल से लौटीं। पहले अपने मायके गईं, जहां खाना खाया और फिर बेटे को लेकर पति के किराए के मकान पर पहुंचीं। घर में कदम रखते ही उनकी नजर पति रोहित पर पड़ी, जो हाल में बैठे मोबाइल पर गेम खेल रहे थे। ज्योति ने उनसे बेटे को लेने के लिए कहा, लेकिन गेम में मशगूल रोहित ने इनकार कर दिया। बस यही बात ज्योति को नागवार गुजरी। गुस्से में वह कमरे में चली गईं और दरवाजा बंद कर लिया। बाहर रोहित दरवाजा पीटते रहे, खोलने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया।
दरवाजा तोड़ा तो उड़ गए होश
जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो रोहित ने आसपास के लोगों को बुलाया। सबने मिलकर दरवाजा तोड़ा, लेकिन जो नजारा सामने आया, उसे देखकर सभी के होश उड़ गए। ज्योति पंखे से दुपट्टे के सहारे लटकी हुई थीं। आनन-फानन में परिजन उन्हें उतारकर दीनदयाल राजकीय अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस बीच पुलिस भी हरकत में आई, लेकिन शुरुआत में वीआईपी मूवमेंट का हवाला देकर टालमटोल करती रही। दो घंटे बाद चौकी इंचार्ज ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
भाई का दर्द: “चार साल में कभी झगड़ा नहीं हुआ”
ज्योति के भाई मनमीत सिंह का कहना है कि उनकी बहन अपने दो भाइयों में सबसे बड़ी थी। ससुराल से कभी दहेज की शिकायत नहीं आई। चार साल की शादी में पति-पत्नी के बीच कभी कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ। हां, ज्योति को माइग्रेन की शिकायत थी, जिसके चलते उसे गुस्सा जल्दी आ जाता था। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह गुस्सा एक दिन इतना बड़ा रूप ले लेगा।
जिंदगी का अंत, सवाल अनगिनत
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि आज के दौर की उस हकीकत का आईना है, जहां छोटी-छोटी बातें रिश्तों पर भारी पड़ रही हैं। क्या एक मोबाइल गेम इतना बड़ा बन गया कि एक मां, एक पत्नी, एक टीचर अपनी जिंदगी खत्म कर ले? यह सवाल अब ज्योति के परिवार और समाज के सामने अनसुलझा छोड़ गया है।