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Sunday, July 20, 2025

काशी में मोहन भागवत का आगमन: महाकुंभ जल अर्पण से विरोध की गूंज, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया

वाराणसी, 3 अप्रैल 2025, गुरुवार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के काशी आगमन ने आज उस समय सुर्खियां बटोर लीं, जब उनके खिलाफ हिंदुत्व और सनातन परंपरा को लेकर तीखा विरोध प्रदर्शन हुआ। शाम 5 बजे सिगरा स्थित भारत माता मंदिर के सामने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोहन भागवत के समक्ष प्रयागराज महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित कर अपना रोष जताया। प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा था कि जहां लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में हिंदुत्व की आस्था के प्रतीक के रूप में स्नान करते हैं, वहीं स्वयं को हिंदुत्व का सबसे बड़ा पैरोकार बताने वाले मोहन भागवत इस धार्मिक अनुष्ठान से दूरी बनाए हुए हैं।

“मोहन भागवत का हिंदुत्व मंच तक सीमित” – विकास सिंह का तंज

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता विकास सिंह ने मोहन भागवत पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “संघ प्रमुख हिंदुत्व की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब इसे जीने और परंपराओं को निभाने की बारी आती है, तो वे किनारा कर लेते हैं। महाकुंभ का स्नान सनातन धर्म की आत्मा है। अगर भागवत जी सचमुच हिंदुत्व के रक्षक हैं, तो वे वहां क्यों नहीं जाते? उनका हिंदुत्व सिर्फ भाषणों और प्रचार तक सीमित है।”

विकास सिंह ने आगे जोड़ा, “हिंदुत्व कोई प्रदर्शन की वस्तु नहीं है। यह हमारी आस्था और संस्कृति का गहरा हिस्सा है। भागवत जी का महाकुंभ से दूर रहना उनकी प्राथमिकताओं को उजागर करता है।” उनके इस बयान ने मौके पर मौजूद लोगों में जोश भर दिया, और नारों की गूंज तेज हो गई।

पुलिस से टकराव, कई हिरासत में

जैसे ही प्रदर्शनकारी मोहन भागवत को महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित करने के लिए आगे बढ़े, वहां मौजूद पुलिस बल हरकत में आया। प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया और कई लोगों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को सिगरा थाने ले जाया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

राजनीतिक संदेश और बहस की शुरुआत

इस घटना को राजनीतिक गलियारों में गहरे निहितार्थ वाला माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि यह प्रदर्शन हिंदुत्व के असली स्वरूप और उसके प्रतीकों को लेकर एक नई बहस को जन्म दे सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे जनभावनाओं से जोड़कर एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं। दूसरी ओर, भाजपा और आरएसएस की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

आगे की कार्रवाई और प्रदर्शनकारी

फिलहाल, सिगरा थाने में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की योजना बना रही है। विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में अनूप राय, ऋषभ पांडेय, संदीप पाल, शशांक शेखर सिंह, ओमजीत सिंह रिशु, अजीत कन्नौजिया, गौरव मिश्रा और मोहम्मद आसिफ जैसे नाम शामिल हैं।

यह घटना न केवल काशी बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विरोध प्रदर्शन राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर कितना असर डालता है।

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