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Sunday, July 20, 2025

वाराणसी के नमो घाट पर मची अफरातफरी: जमीन धंसने से दुकानें लुढ़कीं, पर्यटकों का फेवरेट घाट चर्चा में

वाराणसी, 2 अप्रैल 2025, बुधवार। वाराणसी का नमो घाट, जो अपनी खूबसूरती और सुविधाओं के लिए देश-विदेश में मशहूर है, बुधवार की शाम एक अनपेक्षित हादसे का गवाह बन गया। अचानक जमीन धंसने से घाट पर हड़कंप मच गया। जिस जगह यह घटना हुई, वहां कई दुकानें सजी हुई थीं, जो जमीन के साथ ही एक तरफ लुढ़क गईं। दुकानदार और ग्राहक अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। इस अप्रत्याशित हादसे ने पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया।

हादसे के बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत एक्शन लिया और रस्सी से बैरिकेडिंग कर लोगों का आवागमन रोक दिया। सूचना मिलते ही नगर निगम के अधिकारी और कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि घटनास्थल का जायजा लेने के लिए पहुंच गए। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जमीन धंसने की वजह क्या थी, लेकिन इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है।

क्यों खास है नमो घाट?

नमो घाट आजकल वाराणसी में पर्यटकों का सबसे पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है। बनारस के किसी भी घाट पर जाना हो, वीवीआईपी भी इसी घाट से स्टीमर या क्रूज की सवारी करते हैं। यह शहर का इकलौता घाट है, जहां गंगा के किनारे तक वाहन आसानी से पहुंच सकते हैं। घाट पर दर्जनों कारों और दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी है। इसके अलावा, यहां बना “नमस्ते” स्कल्पचर काशी का सबसे बड़ा सेल्फी पॉइंट बन चुका है, जो पर्यटकों को खूब लुभाता है।

सुबह के वक्त यहां से “सुबह-ए-बनारस” का अलौकिक नजारा देखने को मिलता है, जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। देश-विदेश से आने वाले सैलानी इस घाट की सैर के बिना अपनी यात्रा अधूरी मानते हैं। इतना ही नहीं, नमो घाट पर बना हेलीपैड इसे और भी खास बनाता है। जल्द ही यहां से अयोध्या और अन्य जिलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना भी है, जो इसे और आधुनिक बनाएगी।

हादसे ने उठाए सवाल

नमो घाट की लोकप्रियता और सुविधाओं के बीच इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्राकृतिक कारणों से हुआ या फिर निर्माण में कोई खामी थी? फिलहाल जांच जारी है, लेकिन यह घटना उस घाट के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो वाराणसी की शान और पर्यटन का प्रमुख केंद्र है।

नमो घाट न सिर्फ एक घाट है, बल्कि बनारस की संस्कृति, आधुनिकता और आतिथ्य का प्रतीक है। उम्मीद है कि जल्द ही इस हादसे के कारणों का पता लगेगा और इसे फिर से पूरी तरह सुरक्षित बनाया जाएगा, ताकि पर्यटक बेफिक्र होकर काशी की इस अनमोल धरोहर का लुत्फ उठा सकें।

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