अमेरिका बुधवार से दुनियाभर के लिए अपना जवाबी टैरिफ लागू करने जा रहा है। इसका असर भारत समेत दुनियाभर पर पड़ेगा। इसकी आहट से भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा और मंगलवार को सेंसेक्स लगभग 1400 अंकों तक लुढ़क गया और एनएसई के निफ्टी में 353 अंक की गिरावट दिखी। इसके असर से बचने के लिए भारत सरकार ने अपना कवच तैयार कर लिया है।
व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बहुप्रतीक्षित टैरिफ कुछ लोगों की अपेक्षा से पहले ही लागू होने जा रहे हैं। पूर्व घोषणा के अनुसार दो अप्रैल देर रात या गुरुवार सुबह अमेरिका की तरफ से पारस्परिक शुल्क लागू कर दिए जाएंगे। इससे भारत के व्यापार पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय अपनी रणनीति की घोषणा करेगा।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि अमेरिका अलग-अलग देशों द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ के बराबर टैरिफ ही लगाएगा। दो अप्रैल को मुक्ति दिवस बताते आ रहे ट्रंप ने दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में काफी कमी करने जा रहा है।
ट्रंप ने कहा, ”कुछ समय पहले ही मैंने सुना है कि भारत अपने टैरिफ को काफी कम करने जा रहा है। मैंने पूछा क्यों कोई इसे पहले नहीं कम रहा था। कई और देश भी अपना टैरिफ कम करने जा रहे हैं। ईयू ने कारों पर पहले ही ढाई प्रतिशत टैरिफ कम कर दिया है।”ट्रंप के बयान और उनकी तरफ से अब तक की कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए जवाबी टैरिफ का लगना तय माना जा रहा है। भारत फिलहाल जवाबी टैरिफ के तीन प्रभावों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति पर काम कर रहा है और परिस्थितियों के अनुसार जिस रणनीति की जरूरत होगी, तीन अप्रैल को वैसी ही घोषणा की जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
सूत्रों के मुताबिक ट्रंप का जवाबी टैरिफ अगर सेक्टर के हिसाब से होगा तो भारत की रणनीति अलग होगी और तब शायद भारत को इससे कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जिन वस्तुओं का भारत निर्यात करता है, उन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका नहीं करता है।जवाबी टैरिफ का दूसरा तरीका देश के कुल व्यापार के आधार पर हो सकता है। यहां पर भारत को अलग नीति अपनानी पड़ सकती है, क्योंकि भारत अमेरिका के मुकाबले लगभग 36 अरब डॉलर का अधिक निर्यात करता है और इसकी भरपाई ट्रंप सरकार करना चाहेगी।लोकसभा में एक जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को पारस्परिक रूप से फायदेमंद और निष्पक्ष बनाने के लिए चर्चा जारी रखे हुए है। उद्योगों को मौजूदा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर टैरिफ के असर से पड़ने वाले नए अवसरों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।