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Sunday, August 3, 2025

लंबित ई-चालान नहीं भरा तो खैर नहीं! ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी पर लटकी तलवार

नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, मंगलवार। क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो ट्रैफिक चालान को हल्के में लेते हैं? अगर हां, तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि भारत सरकार ने सड़क नियमों को तोड़ने वालों के लिए नकेल कसने का फैसला कर लिया है। नए नियमों के तहत अगर आपने अपने ई-चालान का भुगतान 90 दिनों तक नहीं किया, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस या गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सस्पेंड हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर आपने लाल बत्ती तोड़ने या खतरनाक ड्राइविंग जैसे गंभीर उल्लंघनों के तीन चालान जमा कर लिए, तो आपका लाइसेंस जब्त होने की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। यह खबर उन लोगों के लिए खतरे की घंटी है जो चालान को “बाद में देख लेंगे” कहकर टालते रहते हैं।

90 दिनों का अल्टीमेटम: समय खत्म, लाइसेंस गया!

नए नियमों के मुताबिक, चालान कटने के बाद आपके पास इसे भरने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय होगा। अगर आप इस समय सीमा में भुगतान नहीं करते, तो सरकार आपका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित कर सकती है। यही नहीं, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी खतरे में पड़ सकता है। सोचिए, बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के सड़क पर गाड़ी चलाना कितना जोखिम भरा हो सकता है! इसके अलावा, अगर आप एक साल में तीन बार लाल बत्ती तोड़ते हैं या खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं, तो आपका लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए जब्त हो सकता है। यह नियम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और लापरवाह ड्राइवरों पर लगाम लगाने के लिए लाया गया है।

मोबाइल नंबर और पता अपडेट नहीं? तो तैयार रहें मुसीबत के लिए!

सरकार ने साफ कर दिया है कि वाहन मालिकों को अपने मोबाइल नंबर और पते को अपडेट रखना होगा। अगर आपका नंबर या पता पुराना है, तो चालान का नोटिस आप तक पहुंच ही नहीं पाएगा। नतीजा? आपको पता भी नहीं चलेगा और 90 दिन बीतते ही लाइसेंस सस्पेंड! इतना ही नहीं, अगर आपके पास प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC), बीमा या पंजीकरण में कोई कमी पाई गई, तो इन पर भी रोक लग सकती है। यानी एक छोटी सी लापरवाही आपके लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।

बकाया चालान का असर जेब पर: बीमा होगा महंगा!

यहां एक और झटका है—अगर आपके नाम पर पिछले साल से दो या उससे ज्यादा चालान बकाया हैं, तो आपकी गाड़ी का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है। सरकार की योजना है कि बीमा कंपनियों को ऐसे वाहन मालिकों से ज्यादा प्रीमियम वसूलने की अनुमति दी जाए। मतलब, चालान को टालने की आदत अब आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है। समय पर भुगतान न करने की सजा सिर्फ लाइसेंस सस्पेंशन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आपकी गाड़ी का खर्चा भी बढ़ जाएगा।

दिल्ली की शर्मनाक हकीकत, महाराष्ट्र-हरियाणा का जलवा

ई-चालान की वसूली दर को देखें, तो देशभर में सिर्फ 40% चालानों का भुगतान हो पाता है। लेकिन दिल्ली इस मामले में सबसे पीछे है—यहां वसूली दर महज 14% है। यानी दिल्ली के ज्यादातर लोग चालान भरने में आलस करते हैं। दूसरी ओर, महाराष्ट्र और हरियाणा ने बाजी मार ली है। महाराष्ट्र में 62% और हरियाणा में 76% चालानों की वसूली होती है। यह अंतर साफ दिखाता है कि नियमों का पालन करने में कौन आगे है और कौन पीछे। अब नए नियमों के साथ सरकार इस अंतर को पाटने की कोशिश में है।

क्या करें वाहन मालिक?

चालान चेक करें: नियमित रूप से ऑनलाइन पोर्टल पर अपने वाहन के चालान की स्थिति जांचें।

  • 90 दिन का ध्यान रखें: चालान कटने के बाद तीन महीने के भीतर भुगतान करें, वरना परेशानी तय है।
  • डिटेल्स अपडेट करें: अपना मोबाइल नंबर और पता अपडेट रखें, ताकि नोटिस समय पर मिले।
  • नियमों का पालन करें: लाल बत्ती, हेलमेट, सीट बेल्ट और स्पीड लिमिट जैसे नियमों को गंभीरता से लें।

सड़क सुरक्षा या सख्ती का डर?

यह नया नियम सड़क पर अनुशासन लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ सख्ती से काम चलेगा? खराब सड़कें, ट्रैफिक जाम और जागरूकता की कमी भी तो हादसों की वजह हैं। सरकार को नियमों के साथ-साथ सड़कों की हालत सुधारने और लोगों को जागरूक करने पर भी ध्यान देना होगा। तब जाकर यह सख्ती सही मायने में “सड़क सुरक्षा” बन पाएगी।

तो अब देर न करें, अपने बकाया चालान को तुरंत चेक करें और समय रहते भुगतान कर दें। वरना लाइसेंस और गाड़ी दोनों पर संकट आ सकता है। सड़क पर चलें, लेकिन नियमों के साथ—क्योंकि अब सरकार का डंडा तैयार है!

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