जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय की यात्रा के दौरान भारत की प्रगति के लिए उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की प्राथमिकता में भारत की समृद्धि अगले 1,000 वर्षों के लिए शामिल है। वे महापुरुष हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुड़ी पाड़वा के अवसर पर रविवार को आरएसएस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था। यह पीएम मोदी का आरएसएस मुख्यालय में बतौर प्रधानमंत्री पहला दौरा था। वे अटल बिहारी वाजपेयी के बाद संघ मुख्यालय में आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री भी बने।
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने भारत को अगले 1,000 वर्षों के लिए तैयार करने की बात की ताकि इसकी शक्ति और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।’
क्या बोले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर?
उन्होंने भारतीय संस्कृति के कल्याणकारी पहलुओं पर जोर दिया खासकर ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा पर। उन्होंने कहा कि यह सदियों से मानवता को कल्याण की ओर मार्गदर्शित करती रही है। स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की शासन शैली पर चर्चा करते हुए स्वामी अवधेशानंद ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो का उल्लेख किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस प्रमुख और अन्य के साथ बातचीत करते हुए मुस्कुराते और हंसते नजर आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री की मुस्कान के पीछे का कारण बताते हुए स्वामी ने कहा, ‘जब मैं उनकी प्रशंसा कर रहा था तो वह बस हंसने लगे। उन्होंने हमारी प्रशंसा को स्वीकार नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने इसे ईश्वरीय आशीर्वाद का परिणाम बताया। वह वास्तव में मानते हैं कि जो कुछ भी उन्होंने हासिल किया है, वह उनकी मेहनत का फल नहीं बल्कि भगवान की कृपा का परिणाम है।’