✍️ विकास यादव
वाराणसी, 31 मार्च 2025, सोमवार। सोमवार की सुबह वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे चलने वाले नाइट मार्केट में एक दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। सुबह के सवा आठ बजे शुरू हुआ यह हादसा देखते ही देखते भयावह हो गया, जब एक के बाद एक तीन सिलेंडरों में विस्फोट हुआ। आग की लपटों ने आसपास की दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

हादसे की शुरुआत: एक सिलेंडर ने बिगाड़ी सुबह
पिलर संख्या 56 और 57 के बीच बनी खाने-पीने की दर्जनों दुकानों में से एक, राधेश्याम के भोजन स्टाल पर यह हादसा शुरू हुआ। सुबह जब लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे, तभी अचानक एक सिलेंडर से गैस रिसने लगी। पलक झपकते ही आग की लपटें उठीं और फिर एक के बाद एक तीन सिलेंडरों में जोरदार धमाके हुए। पास ही मौजूद ट्रैफिक सिपाही संजय ने तुरंत कंट्रोल रूम और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। करीब 15 मिनट में फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक बहुत कुछ जलकर खाक हो चुका था।

लाखों का नुकसान: नोटों की गड्डियां भी राख में बदलीं
आग की चपेट में आई 10 से ज्यादा दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। खाद्य सामग्री से लेकर नकदी तक, सब कुछ आग की भेंट चढ़ गया। सबसे ज्यादा नुकसान संजय यादव को हुआ, जिनकी दुकान राधेश्याम के स्टाल के ठीक बगल में थी। संजय का कहना है कि उनके कैश बॉक्स में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की नकदी थी, जो जलकर राख हो गई। इसके अलावा 30 लीटर दूध, 100 किलो दही और दुकान का सारा सामान बर्बाद हो गया। राधेश्याम, अजय और अन्य दुकानदारों की मेहनत भी इस आग में स्वाहा हो गई।
पेट्रोल पंप सामने, फिर भी नहीं मिली मदद
हैरानी की बात यह है कि जिस जगह यह हादसा हुआ, उसके ठीक सामने सड़क के उस पार एक पेट्रोल पंप है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगते ही कुछ लोग मदद के लिए पेट्रोल पंप की ओर दौड़े, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी आग देखकर खुद ही भाग खड़े हुए। लोगों ने पहले बालू और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कुछ काम न आया।

अवैध दुकानों का खेल
यह नाइट मार्केट पहले से ही विवादों में था। वाराणसी नगर निगम ने पिछले महीने ही फ्लाईओवर के नीचे लगने वाले इस बाजार का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके बावजूद, सैकड़ों दुकानें यहां अवैध रूप से चल रही थीं। इस हादसे ने न सिर्फ दुकानदारों की जिंदगी में आग लगाई, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए।
जिंदगी की जद्दोजहद अब फिर से
इस हादसे ने नाइट मार्केट के दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। जहां कभी खाने-पीने की महक से गुलजार रहता था, वहां अब सिर्फ जलते सामान की सुलगती राख बची है। प्रशासन अब इस घटना की जांच में जुट गया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह हादसा टाला जा सकता था?