देहरादून, 30 मार्च 2025, रविवार: लोकतंत्र के महापर्व को सुचारु और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने शनिवार को सचिवालय में प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य आगामी निर्वाचन प्रक्रिया को मजबूत करना और भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करना था।

निर्वाचन नियमों पर विस्तृत चर्चा
बैठक में डॉ. पुरुषोत्तम ने राजनैतिक दलों को भारत के संविधान, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम और निर्वाचनों के संचालन नियमों की बारीकियों से अवगत कराया। एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उन्होंने इन प्रावधानों को समझाया, ताकि सभी दल निर्वाचन प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें। यह प्रस्तुतीकरण न केवल जानकारी से भरपूर था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रक्रिया को कितनी गंभीरता से लेता है।

बूथ लेवल एजेंट नियुक्ति का आह्वान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनैतिक दलों से एक सप्ताह के भीतर बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बीएलए की नियुक्ति से न सिर्फ निर्वाचन विभाग और दलों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, बल्कि मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। “बीएलए पोलिंग बूथ पर पात्र नागरिकों और मतदाताओं की सहायता करेंगे, उनका मार्गदर्शन करेंगे और निर्वाचन प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएंगे,” डॉ. पुरुषोत्तम ने जोर देकर कहा। इसके लिए दलों को निर्धारित प्रारूप में बीएलए की जानकारी आयोग को उपलब्ध करानी होगी।

बीएलए की भूमिका और जिम्मेदारियां
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने बताया कि बीएलए की तैनाती से बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के साथ मिलकर वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्य और सटीकता के साथ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, “प्रत्येक बीएलए एक अर्हता तिथि में बीएलओ को 10 फॉर्म जमा कर सकते हैं, जिसमें मतदाता का नाम जोड़ना, हटाना या अन्य प्रविष्टियों को संशोधित करना शामिल है।” यह कदम मतदाता सूची को अपडेट और त्रुटिरहित रखने में सहायक सिद्ध होगा।

दलों के सुझावों का स्वागत
बैठक में विभिन्न राजनैतिक दलों ने अपने सुझाव भी साझा किए, जिन्हें निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से सुना। यह सहभागिता इस बात का प्रमाण थी कि लोकतंत्र में हर पक्ष की आवाज महत्वपूर्ण है। बैठक में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, मुक्ता मिश्र, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास सहित भारतीय जनता पार्टी से संजीव विज, इंडियन नेशनल कांग्रेस से गिरिराज हिंदवाल और दिनेश सिंह, बहुजन समाज पार्टी से दिग्विजय सिंह, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से अनंत आकाश और आम आदमी पार्टी से सीपी सिंह जैसे प्रमुख प्रतिनिधि मौजूद रहे।

लोकतंत्र की मजबूती की ओर कदम
यह बैठक न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक प्रयास थी, बल्कि यह भी संदेश देती है कि राजनैतिक दलों और निर्वाचन आयोग के बीच तालमेल से ही लोकतंत्र की नींव मजबूत होती है। बूथ लेवल एजेंट्स की नियुक्ति का यह आह्वान निश्चित रूप से मतदाताओं के लिए एक सहज और निष्पक्ष मतदान अनुभव सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा।