देहरादून, 30 मार्च 2025, रविवार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को नव संवत्सर और चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस पावन अवसर को शक्ति की उपासना का अनुपम पर्व बताते हुए उन्होंने कहा कि चैत्र नवरात्रि भारतीय संस्कृति की उस महान परंपरा का प्रतीक है, जो नारी शक्ति के सम्मान और सामर्थ्य को रेखांकित करती है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि समाज में नारी के अपार योगदान को भी उजागर करता है। कन्या पूजन की परंपरा को उन्होंने नारी शक्ति के प्रति श्रद्धा का सबसे सुंदर प्रतीक बताया और सभी से नारियों के सम्मान का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने भारतीय सनातन परंपरा के गहन महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वेदों और पुराणों में चैत्र नवरात्रि को विशेष स्थान प्राप्त है। यह पर्व आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है और सकारात्मकता की ओर बढ़ने का आधार बनता है। मां दुर्गा की आराधना से जहां नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, वहीं जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। उत्तराखंड में इस पर्व की धार्मिक महत्ता को देखते हुए प्रमुख देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों की परंपरा रही है, जो इस अवसर को और भी भव्य बनाती है।
पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर सनातन परंपरा के एक और पहलू को उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत संकल्प के साथ होती है। चैत्र नवरात्रि का यह पर्व हमें रचनात्मकता और सृजनशीलता की ओर प्रेरित करता है। यह समय है जब हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम इस शक्ति के अनुष्ठान को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाएंगे। यह पर्व नवीन उत्साह के साथ देश और समाज की सेवा के लिए भी प्रेरित करता है।
अंत में, मुख्यमंत्री ने कामना की कि यह नव संवत्सर सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए। चैत्र नवरात्रि का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमें एकजुटता, शक्ति और संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है।