अयोध्या, 30 मार्च 2025, रविवार। अयोध्या की पावन धरती पर इस बार रामनवमी का पर्व और भी खास होने जा रहा है। 6 अप्रैल से एक नई और आलौकिक परंपरा की शुरुआत होगी, जिसमें हर दिन रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। इस दौरान सूर्य की किरणें चार मिनट तक रामलला के मस्तक को प्रकाशित करेंगी। पिछले साल 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन पहली बार यह अद्भुत दृश्य देखने को मिला था, लेकिन तब यह सिर्फ एक दिन की परंपरा थी। अब इसे रोजाना करने की योजना बनाई गई है, और मंदिर ट्रस्ट ने अगले 20 साल तक इस प्रक्रिया को जारी रखने की तैयारी शुरू कर दी है।
सूर्य तिलक का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक संगम
इस अनोखे सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एक खास ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम डिज़ाइन किया है। यह तकनीक सूर्य की किरणों को रामलला के गर्भगृह तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी। मंदिर की तीसरी मंजिल पर एक पाइप लगाया गया है, जिसमें दो शीशों और तीन लेंसों की मदद से सूर्य की रोशनी को सटीकता के साथ रामलला के ललाट तक पहुंचाया जाएगा। यह विज्ञान और आस्था का एक अनुपम मिलन है, जो अयोध्या को और भी दिव्य बनाएगा।
राम मंदिर का विस्तार अंतिम चरण में
राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। साथ ही, राम दरबार को भव्य रूप देने की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। आने वाले दिनों में अयोध्या राम भक्तों के लिए और भी आकर्षक और सुविधाजनक बनने वाली है।
भक्तों के लिए बढ़ती सुविधाएं
अयोध्या में हर दिन लाखों भक्त रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल भक्तों के लिए एक अनमोल तोहफा है। यहाँ मुफ्त चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं। खास बात यह है कि इस अस्पताल में कोई कैश काउंटर नहीं है—सभी जांच, इलाज, इंजेक्शन और फ्लूइड मैनेजमेंट पूरी तरह मुफ्त हैं।
श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की खासियत
यह अस्पताल श्री सत्य साईं के नाम पर स्थापित किया गया है और यहाँ हीमोग्लोबिन, शुगर, ईसीजी जैसी तमाम जांचें बिना किसी शुल्क के की जाती हैं। यहाँ आने वाले हर श्रद्धालु को न सिर्फ बेहतरीन इलाज मिलता है, बल्कि मानवीय संवेदना और स्नेह से भरी सेवा भी प्राप्त होती है। यह अस्पताल भक्तों के लिए एक सहारा बनकर उभरा है।
अयोध्या: भक्ति और संतुष्टि का केंद्र
रामलला के दर्शन से भक्तों को अपार शांति और संतुष्टि मिलती है। उनके मन के कष्ट दूर हो जाते हैं, और यही कारण है कि रोज़ाना लाखों लोग अयोध्या का रुख करते हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का यह प्रयास—चाहे वह सूर्य तिलक की परंपरा हो या अस्पताल की निःशुल्क सेवाएं—श्रद्धालुओं के लिए आशा और सुख का प्रतीक बन रहा है। अयोध्या नगरी अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह बन रही है जो भक्तों को स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि की ओर ले जा रही है।